must read : 24 घंटे में 4.5 इंच बारिश, लबालब भर गए शहर के तालाब, इतनी है क्षमता मालूम हो कि सभी छोटी-बड़ी नदियों पर बनाए गए बांधों के गेट खोलने का नियम है। गेट खोलने के पहले उसका पानी जिन स्थानों और गांवों में जाएगा, वहां चेतावनी जारी की जाती है। उसके बाद ही बांध के गेट खोले जाते हैं। 7 अप्रैल 2005 में देवास जिले में आने वाले धाराजी में बगैर सूचना के नर्मदा नदी पर बने गेट खोल दिए गए थे, इससे अचानक बढ़े जलस्तर के कारण सैकड़ों लोगों की जान चली गई थी। शहर में पानी की किल्लत अभी खत्म नहीं हुई है। दूसरी ओर शहर में पानी के बड़े स्रोत यशवंत सागर तालाब से शनिवार और रविवार की दरमियानी रात में 65,432 लोगों की प्यास बुझाने के लिए काफी पानी को बेवजह बहा दिया।
फैक्ट फाइल – 2650 हेक्टेयर है यशवंत सागर का फैलाव
– 1000 लीटर पानी आता है एक घन मीटर में
– 01 फीट पानी छोड़ा गया
– 88.33 लाख लीटर छोड़ा गया पानी
– 135 लीटर पानी लगता है एक आदमी को
– 1000 लीटर पानी आता है एक घन मीटर में
– 01 फीट पानी छोड़ा गया
– 88.33 लाख लीटर छोड़ा गया पानी
– 135 लीटर पानी लगता है एक आदमी को
अफसरों को जानकारी देकर खोलते हैं गेट यशवंत सागर की क्षमता 19.2 फीट है। गंभीर नदी पर बने इस बांध में क्षमता तक पानी भराने के बाद निगम के वरिष्ठ अफसरों को जानकारी देने के बाद इसके गेट एक-एक कर खोले जाते हैं। लगातार बारिश के बाद यशवंत सागर में रात 10 से 11 बजे के बीच 18 फीट तक पानी आ गया था। रात को लगभग पौने 12 बजे जब यशवंत सागर में 18.3 फीट पानी ही हुआ था कि यहां पदस्थ उपयंत्री रोहित राय ने गेट खोलने के लिए यशवंतसागर कंट्रोल रूम को कहा। बगैर पानी क्षमता तक पहुंचे ही उन्होंने दो गेट देर रात खुलवा दिए, जो करीब तीन घंटे तक खुले रहे और पानी घटकर 17.3 फीट तक पहुंच गया। इस तरह एक फीट पानी जो लगभग 19.45 लाख गैलन होता है, बेवजह बह गया। गंभीर नदी ही आगे जाकर शिप्रा में मिलती है।
must read : इलाज कराने गई युवती पर पहले किया झांड़-फूंक, फिर अगवा कर ले गया तांत्रिक रोका जा सकता है क्षमता से एक फीट ज्यादा पानी बांध की क्षमता बढ़ाने के लिए जेएनएनयूआरएम की योजना के तहत जो काम किया गया था, उसमें इसकी क्षमता के साथ ही इसकी मजबूती पर ज्यादा जोर दिया गया था। 2009 में यह काम पूरा हुआ था। यशवंत सागर बांध अपनी क्षमता 19.2 से लगभग एक फीट ज्यादा होने पर भी पानी को रोक सकता है। हर साल इसमें १९.५ फीट तक पानी होने पर ही उसे खोला जाता है।
सीधी बातचीत : रोहित राय, उपयंत्री यशवंत सागर का पानी देर रात में क्यों छोड़ा गया?
अपस्ट्रीम के गांवों की किसानों की मांग और मक्के की फसल को देखते हुए सूचना देकर ही पानी छोड़ा गया
अपस्ट्रीम के गांवों की किसानों की मांग और मक्के की फसल को देखते हुए सूचना देकर ही पानी छोड़ा गया
गेट खोले गए तब तालाब में क्षमता से कम पानी था?
हां, लेकिन बाढ़ का पानी बढ़ सकता था, लगातार पानी गिर रहा है। भविष्य में और बरसात होनी है, इसलिए हमने एहतियातन पानी छोड़ दिया।
हां, लेकिन बाढ़ का पानी बढ़ सकता था, लगातार पानी गिर रहा है। भविष्य में और बरसात होनी है, इसलिए हमने एहतियातन पानी छोड़ दिया।
भविष्य में पानी गिरेगा, तब क्षमता से ज्यादा पानी होने पर भी तो गेट खोले जा सकते थे?
हमने एहतियात बरती और गेट खोल दिए। एक फीट पानी क्यों छोड़ा गया, कम पानी भी छोड़ा जा सकता था?
हमने एहतियात बरती थी। अभी उसमें 17.5 फीट पानी हो गया है।
हमने एहतियात बरती और गेट खोल दिए। एक फीट पानी क्यों छोड़ा गया, कम पानी भी छोड़ा जा सकता था?
हमने एहतियात बरती थी। अभी उसमें 17.5 फीट पानी हो गया है।
गेट खुले भी हैं यह मेरी जानकारी में नहीं
मेरी जानकारी में नहीं है कि गेट खुले भी हैं। पानी की बर्बादी की जानकारी ली जाएगी।
बलराम वर्मा, प्रभारी जलकार्य विभाग
मेरी जानकारी में नहीं है कि गेट खुले भी हैं। पानी की बर्बादी की जानकारी ली जाएगी।
बलराम वर्मा, प्रभारी जलकार्य विभाग