इंदौर

स्टार्टअप का टर्न ओवर 250 करोड़, 81 प्रतिशत सक्सेस

स्टार्टअप का टर्न ओवर 250 करोड़, 81 प्रतिशत सक्सेस

इंदौरOct 05, 2024 / 07:44 pm

प्रमोद मिश्रा

प्रीमियम कहानी: प्रदेश के पहले इनक्यूबेशन सेंटर के सक्सेस रेट पर जापान की यूनिवर्सिटी कर चुकी है रिसर्च
प्रमोद मिश्रा

प्रदेश का पहला इनक्यूबेशन सेंटर तत्कालीन औद्योगिक केंद्र विकास निगम (एकेवीएन) अब मप्र औद्योगिक विकास निगम (एमपीआइडीसी) ने क्रिस्टलआइटी पार्क में शुरू किया था, जो सक्सेस का माइल स्टोन बन गया है। दावा है कि यहां से शुरू हुए स्टार्टअप का सक्सेस रेट करीब 81 प्रतिशत है। यहां से शुरू हुए स्टार्टअप्स का टर्न ओवर 250 करोड़ है और 2 हजार को रोजगार मिला है। यहां के युवा 30 देशों से कारोबार कर रहे हैं। सक्सेस रेट के कारण जापान की यूनिवर्सिटी की टीम यहां आकर रिसर्च कर चुकी है। इनक्यूबेशन सेंटर अब इको सिस्टम डेवलप कर शहर के अन्य इनक्यूबेशन सेंटर्स को मार्केटिंग स्ट्रेटजी में मदद कर रहा है।
1 जनवरी 2016 में तत्कालीन एकेवीएन के एमडी कुमार पुरुषोत्तम ने आइटी पार्क में सृजन इनक्यूबेशन सेंटर का शुभारंभ किया और इसके 8 दिन बाद 8 जनवरी 2016 को स्टार्टअप के प्रमोशन के लिए सरकार स्टार्टअप इंडिया नीति लेकर आई। यहां 32 सीट है और अब भी 7 स्टार्टअप यहां से संचालित होकर कंपनी का रूप ले रहे हैं। इस इनक्यूबेशन सेंटर से प्रभावित होकर कई विभागों ने भी इनक्यूबेशन सेंटर की शुरुआत की है। सेंटर से जुड़े अफसरों के मुताबिक, इन सालों में 55-60 स्टार्टअप यहां से शुरू हुए और करीब 81 प्रतिशत ने सफल कंपनी का रूप लिया। देश-विदेश में इनक्यूबेशन की सफलता का प्रतिशत कम है, इसलिए जापान की यूनिवर्सिटी की टीम यहां आई और सक्सेस रेट पर रिसर्च की है। कहा जाता है कि रिसर्च के आधार पर जापान में इनक्यूबेशन सेंटर खोले गए।
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3 तरीके से मिलती है मदद

1. इनक्यूबेशन सेंटर का काम अफसरों व विशेषज्ञों की मदद से चलता है। पहले 6 महीने में बिजनेस आइडिया पर रिसर्च होती है, फिर प्रोडक्ट बिल्डिंग का काम किया जाता है। एक साल बाद प्रोडक्ट तैयार कर बाजार में सेल शुरू होती है। शुरुआती सफलता मिलते ही इनवेस्टर मिल जाता है।
2. समय-समय पर विशेषज्ञों से बिजनेस कोचिंग व कंसल्टेंसी उपलब्ध कराई जाती है। ट्रेनिंग प्रोग्राम चलते हैं।

3. सभी सरकारी विभागों, एजेंसियों व बैंकोंं के साथ काे-ऑर्डिनेशन किया जाता है। ट्रेनिंग सत्र आयोजित होते हैं।
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थ्रीडी-एआइ कोर्स से लेकर उन्नत खेती तक मदद

इनक्यूबेशन सेंटर में स्टार्टअप शुरू करने वाले युवाओं में ऐसे इंटरप्रेन्योर शामिल हैं, जो मल्टीनेशनल कंपनी में 80 लाख से एक करोड़ पैकेज पर कार्यरत थे। पहली बैच में स्टार्टअप शुरू करने वाली युवती की अतुल्य आइटी पार्क में साॅफ्टवेयरसाॅल्यूशन कंपनी है। बड़ी कंपनी के को-फाउंडर रहे युवक ने नर्सरी ट्रेनिंग के लिए थ्रीडी व एआइ आधारित कोर्स शुरू कर 150 करोड़ की कंपनी खड़ी कर ली और 300 युवाओं को रोजगार दिया। यहां के स्टार्टअप्स के 18 पेटेंट हो चुके हैं।
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सुविधाएं बढ़ाने के प्रयास

सृजन इनक्यूबेशन सेंटर में अच्छी सुविधाएं व इको सिस्टम है, जिसका फायदा उठाकर स्टार्टअप सफलता हासिल कर रहे हैं। यहां का सक्सेस रेट बहुत अच्छा है और अन्य लोगों की मदद के भी प्रयास रहते हैं। स्टार्टअप शुरू करने वाले युवाओं को और सुविधाएं दिलाने के प्रयास कर रहे हैं।
राजेश राठौर, प्रभारी कार्यकारी निदेशक, एमपीआइडीसी

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