इंदौर

VIDEO : खतरे के बीच इन बाजारों में हो रहा व्यापार

संकरी गलियां और अतिक्रमण कभी भी बन सकता है मुसीबत

इंदौरJun 04, 2019 / 11:45 am

रीना शर्मा

खतरे के बीच इन बाजारों में हो रहा व्यापार

इंदौर. शहर के पश्चिम क्षेत्र स्थित बाजारों में आगजनी का खतरा मंडरा रहा है। असुरक्षा और लापरवाही से सैकड़ों जानें कभी भी खतरे में आ सकती है। गुजरात के सूरत हादसे के बाद कोचिंग संस्थानों के साथ शहर के इन बाजारों की सुरक्षा का मुद्दा भी एक बार फिर उठ खड़ा हुआ है। पत्रिका एक्सपोज की मुख्य बाजारों पर एक रिपोर्ट…
कभी बड़े बाजार कहे जाने वाले सराफा, बोहरा बाजार, मारोठिया, कपड़ा मार्केट जैसे बाजार आज संकरी गलियों में तब्दील हो गए हैं। हालात यह है कि गाड़ी तो दूर यहां पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। आग लगने की स्थिति में इन बाजारों में फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस जैसे आपातकालीन वाहन घुस नहीं पाएंगे। यहां की स्थिति इसलिए भी गंभीर है क्योंकि बाजारों में तुंरत आग पकडऩे वाली वस्तुओं का व्यापार होता है या फिर ज्वलनशील चीजों से काम लिया जाता है।
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तंग गलियों में सुरक्षा के इंतजाम भी नहीं
बाजारों में कई व्यवसायिक मल्टियां बनी हुई है लेकिन नियम के खिलाफ जाकर यहां पार्किंग की जगह नहीं है। तलघरों में दुकानें निकाल दी गई है। दुकानदारों ने सडक़ तक अपनी दुकान जमा रखी है। वाहनों की पार्किंग सडक़ के दोनो ओर की जाती है जिससे कि सडक़ पर जगह नहीं बचती है। तलघर में छोटी-छोटी दुकानें निकाल दी गई है। एेसे में अगर भीषण आग लग जाएं तो एक के साथ कई दुकानें चपेट में आ सकती है। तंग गलियों में दुकानदारों ने सुरक्षा इंतजाम भी नहीं कर रखे हैं। आग पर काबू पाना टेड़ी खीर साबित होगी। समय रहते अगर जिम्मेदार नहीं जागे तो बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
पैर रखने की जगह नहीं
ऑनलाइन शॉपिंग और मॉल कल्चर के बावजूद शहर के सबसे पूराने बाजारों में लोग खासकर महिलाएं बड़ी संख्या में खरीदी करने आती है। ज्वेलरी, बर्तन, कपड़े और किराना समेत चीजों का बड़ा बाजार होने से त्योहारो में खासी भीड़ यहां उमड़ती है। इसके अलावा सामान्य दिनों में भी यहां पैर रखने की जगह नहीं होती है। बाजारों में इतनी भीड़ होने के बावजूद दुकानदार, नगर निगम और प्रशासन मामले की सुध नहीं ले रहा है।
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सराफा बाजार
छोटा और बड़ा सराफा में करीब 2200 से ज्यादा दुकानें है। सोना-चांदी घड़ाई और आभूषण निर्माण का काम यहां बड़े पैमाने पर होता है। गैस और इलेक्ट्रिक के उपकरणों से काम किया जाता है एेसे में आग का सबसे ज्यादा खतरा यहीं पर है। पिछले दिनों यहां ४ आग बार लग चुकी है। बाजार में बिजली के तारों का जाल भी नीचे लटकता देखा जा सकता है। अतिक्रमण के चलते बाजार तंग गली में तब्दील हो चुका है।
बोहरा बाजार
इस बाजार में भी करीब 150 दुकानें है। दिनभर यहां जाम लगा रहता है। बोहरा बाजार में रेगजीन, प्लास्टिक और घरेलू उपयोग के केमिकल का व्यापार होता है जिससे कि आग का खतरा यहां भी बना रहता है। आपातकालीन वाहन का अंदर प्रवेश मुश्किल है।
मारोठिया बाजार
मारोठिया किराना और ड्रायफ्रूट के सामान का विश्वसनीय स्थान है। यहां जन्म से मृत्यु तक का सामान मिलता है इसलिए रोज महिलाओं की भीड़ यहां उमड़ती है। करीब १०० दुकान वाले इस बाजार में व्यापारियों ने दुकानें सडक़ तक सजा रखी है। यहां पैर रखने की भी जगह नहीं होती है।
कपड़ा मार्केट
क्षेत्रफल के लिहाज से भी यह बाजार बड़ा है यहां भी करीब ९०० दुकानों से कपड़े का व्यापार होता है। कपड़ा तेजी से आग पकडऩे वाली वस्तु है लेकिन सुरक्षा इंतजाम यहां भी नहीं देखे जा सकते हंै। अतिक्रमण और कब्जों के चलते इस बाजार में हादसे का अंदेशा बना रहता है।
खजूरी बाजार
इस बाजार में स्टेशनरी, कॉपी-किताबें समेत कागज का काम होता है। ३०० दुकानें वाले इस बाजार में भी तलघर में दुकानें निकली हुई है। वहीं अंदर की तंग गलियो में भी व्यापार होता है। यहां भी हर समय आग का खतरा बना रहता है। बाजार के राजगुरू कॉम्प्लेक्स मंे आग लग चुकी है जो कि नियम विरूद्ध बना है।
अन्य बाजारों में भी खतरा
इसी तरह शक्कर बाजार, आड़ा बाजार, सांठा बाजार, बर्तन बाजार, सीतलामाता बाजार में भी हादसे का अंदेशा बना हुआ है लेकिन न तो व्यापारी न ही निगम और प्रशासन इस पर ध्यान देते हंै।

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