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बिजली बिल ज्यादा आता है, तो हो सकते हैं ये दो कारण
बिजली बिल ज्यादा आने के मुख्य रूप से दो कारण हो सकते हैं। पहला तो ये कि, घर में लगे बिजली मीटर में किसी तरह की खराबी हो या इस्तेमाल किये जाने वाले उपकरण ही बिजली की ज्यादा खपत ले रहे हों। इसलिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि बिजली का मीटर सही है नहीं। इसके लिए लोगों को बिजली विभाग के पास जाने की जरूरत नहीं है। लोग चाहें तो इसे खुद ही चेक सकते हैं। अगर बिजली का मीटर सही हो तो बाद में घर के उन उपकरणों को चेक करें, जो चलाने पर ज्यादा पावर लेते हैं।
आसान है तरीका
1 हजार वॉट के किसी उपकरण को एक घंटे तक चलाने पर 1 यूनिट बिजली खर्च होती है। आजकल कई घरों में एक से डेढ़ टन का एसी होता है। सबसे पहले इस एसी के साथ मिली बुकलेट में देखें कि यह कितने वॉट पर चलता है। आम तौर ये 1000 से 2250 वॉट तक का होता है। बिजली मीटर सही है या नहीं ये जानने के लिए घर के सभी बिजली उपकरण बंद कर दें, सिर्फ एसी चला दें। अगर एसी 1 हजार वॉट का है, तो मीटर को एक घंटे में एक यूनिट बिजली खर्च करनी चाहिए। वहीं अगर एसी 2000 वॉट का है तो बिजली के मीटर पर एक घंटे में 2 यूनिट बिजली खर्च होनी चाहिए। अगर ऐसा है तो बिजली का मीटर और एसी दोनों सही हैं।
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अन्य उपकरणों के सहारे करें चेक
लेकिन अगर मीटर में बिजली ज्यादा खर्च दिख रही है, तो इसका मतलब या तो बिजली का मीटर तेज चल रहा है, यह एसी तय सीमा से ज्यादा बिजली की खपत कर रहा है। इस बात का पता घरेलू तरीके से इस प्रकार चेक किया जा सकता है। घर में इस्तेमाल किये जाने वाले अन्य बिजली चलित उपकरण एसी जितनी बिजली खर्च नहीं करते, लेकिन अगर कुछ उपकरणों को एक साथ चलाया जाए तो ये एक घंटे में 1000 वॉट तक बिजली खर्च कर सकते हैं। इनमें पंखा, कूलर, ट्यूब लाइट, माइक्रोवेव से लेकर अन्य उपकरणों को शामिल किया जा सकता है।
हर उपकरण की बुकलेट पर यह कितने वॉट पर चलते हैं, लिखा रहता है। ऐसे में उतने उपकरणों को चुनें जो एक साथ चलने पर 1000 वॉट बिजली खर्च करें। अगर इनके एक साथ चलने पर एक घंटे में मीटर पर एक यूनिट बिजली खर्च हो तो फिर मीटर को सही मान लें। लेकिन अगर मीटर पर रीडिंग ज्यादा आए तो यह तो फिर बिजली के उपकरण में कमी हो सकती है। हो सकता है कि पुराने होने के कारण घर के बिजली के उपकरण ज्यादा बिजली की खपत ले रहे हों।
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गर्मियों में पुराने पंखे भी बढ़ा देते हैं बिजली की खपत
मध्य प्रदेश विद्युत विभाग के इंदौर ऑफिस के रिटायर एग्जीक्यूटिव इंजीनियर मनेश नायर का कहना है कि, एक बार पंखे को लगाने के बाद अगली बार तभी उसकी ओर ध्यान देेते हैं, जब उसमें कोई खराबी आ जाए। लेकिन, अगर हर साल उसकी अधिक सर्विस लेने से पहले थोड़ी सर्विसिंग कर ली जाए, तो इसकी सर्विस तो बढ़ेगी ही, साथ ही साथ कोई तकनीकी खराबी न होने के कारण बिजली खपत भी कम होगी। यानी अगर ऑयलिंग और बियरिंग फ्री चलेंगे तो बिजली की खपत कम होगी।
अगर घर में 5 पंखे लगे हैं और यह करीब 5 या 7 साल पुराने हैं, तो हर पंखा करीब 75 वॉट खर्च करने वाला रहा होगा। लेकिन ये पुराना होने के चलते अब 10 से 20 फीसदी तक बिजली ज्यादा खर्च कर रहा होगा। लेकिन अगर समय समय पर इनकी ऑयलिंग करा ली जाए, तो फ्री चलने के कारण ये बिजली का लोड भी कम लेग। 75 वॉट के 5 पंखे अगर घर में औसतन 10 घंटे चलें तो ये 112.5 यूनिट खर्च करेंगे, लेकिन पुराने होने पर इनकी बिजली की खपत बढ़कर करीब 125 यूनिट तक हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि इनकी मेंटीनेंस पर पूरा ध्यान दिया जाए।
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एसी का मेंटेनेंस करते रहेंगे, तो कम होगी बिजली की खपत
गर्मी के दिनों में बिजली एसी चलने के कारण अधिक खर्च होती है। स्टार रेटिंग वाले एसी कुछ समय पहले ही आने से शुरू हुए हैं। इसलिए ये जानना जरूरी है कि पुराने एसी कितनी ज्यादा बिजली खर्च करते हैं। अगर आपने घर में 1.5 टन का एसी लगा रखा है और रोज औसतन 8 घंटे इसे चलाते हैं तो 1 स्टार रेटिंग का एसी करीब 9 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च करता है। वहीं अगर 5 स्टार रेटिंग का एसी हो तो ये लगभग 7 यूनिट की खपत करेगा। यानी रोजाना करीब 2 यूनिट बिजली कम खर्च होगी।
नायर के अनुसार, यह दावा एसी खरीदते समय बिजली खपत का अपने अपने हिसाब से दावा करती हैं, जो लगभग कमरे की कंडीशन के हिसाब से 90 से 95 फीसदी तक सही होता है। लेकिन अगर एसी की हर साल मेंटेनेंस न कराई जाए पुराना एसी 9 की जगह 10 से 11 यूनिट तक बिजली खर्च करने लगता है और कूलिंग भी उतनी प्रभावी नहीं रहती। वहीं, 5 स्टार रेटिंग वाला एसी भी तय खपत से ज्यादा बिजली खर्च करता है। इसलिए इनकी हर साल मेंटीनेंस जरूर करानी चाहिए।
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पुरानी ट्यूब लाइट भी लेने लगती है औसत से अधिक बिजली
ट्यूब लाइट पुरानी होने पर तय सीमा से ज्यादा बिजली खर्च लगने लगती है। आमतौर पर ट्यूब लाइट 40 वॉट की होती है। लेकिन पुरानी होने पर इसकी चोक जरूरत से ज्यादा बिजली खर्च करने लगती है। ये बढ़ी बिजली की खपत 15 फीसदी तक हो सकती है। इसलिए अगर घरों में हो सके सीएफएल का इस्तेमाल किया जाए या सबसे अच्छा विकल्प है। वैसे एलईडी का इस्तेमाल सबसे अच्छा रहता है। एलईडी 7 से 10 वॉट तक की रोशनी 40 वॉट की ट्यूब लाइट के बराबर होती है। इस प्रकार एक ट्यूब लाइट पर जितनी बिजली एक दिन में खर्च हो रही है, उतनी बिजली में करीब-करीब पूरे घर को रोशन किया जा सकता है।
जानें कौनसा उपकरण कितनी बिजली खर्च करता है…