must read : पोस्टमॉर्टम रूम में रातभर नमक में दबाकर रखे तालाब में डूबे भाइयों के शव, उम्मीद थी जिंदा हो जाएंगे यदि देश में कानून के सामान्य ज्ञान की शिक्षा अनिवार्य कर दी जाए तो अपराधों पर तो अंकुश लगेगा ही कोर्ट में जाने वाले प्रकरणों में भी कमी आएगी। नए अपराध कम होंगे तो कोर्ट में लाखों केसों की पेंडेंसी, अपने आप खत्म होने लगेगी। लॉ प्रोफेसर और एडवोकेट पंकज वाधवानी ने रिचर्स पेपर और उसके परिणाम की प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मानव संसाधन विभाग को भी भेजी है।
must read : घर से जलते हुए भागकर सडक़ पर आ गई युवती, देखते ही सहम गए लोग रिसर्च में बात सामने आया कि सामान्य या कम पढ़ा लिखा व्यक्ति किराएदारी कानून, माल विक्रय अधिनियम, उपभोक्ता कानून, कॉन्ट्रैक्ट एक्ट, कारखाना अधिनियम, समान पारिश्रमिक अधिनियम, मातृत्व प्रसूति लाभ अधिनियम, मोटर व्हीकल एक्ट, बीमा अधिनियम, शिक्षा का अधिकार अधिनियम, भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता, साक्ष्य अधिनियम, संपत्ति अंतरण अधिनियम, रजिस्ट्रेशन एक्ट जैसे करीब 300 कानूनों के संपर्क में रोजाना आता है। ऐसे अनेकों अनेक कानून के प्रावधानों या धाराओं का उसे ज्ञान नहीं होता है।
must read : देखिए ये हैं शहर के पुलिस सहायता केंद्र… अंधेरा गहराते ही पुलिस गायब! 22 देशों में कानूनी शिक्षा अनिवार्य रिसर्च के अनुसार दुनिया के 22 देशों में कानून की शिक्षा अनिवार्य है। सरकार यह मानती है कि देश के हर नागरिक को कानून की जानकारी है, इसलिए किसी भी अपराध में माफी नहीं होती है। अपराध करने वाला यह नहीं कह सकता कि उसे कानून की जानकारी नहीं थी। वहीं हमारे देश में कानून को जानने और पढऩे के लिए ग्रेजुएशन के बाद अलग से पाठ्यक्रम एलएलबी निर्धारित है। स्कूली शिक्षा व उच्च शिक्षा में देश में प्रचलित कानूनों की जानकारी नहीं दी जाती है।
must read : मुन्नाभाई ने दी पुलिस भर्ती परीक्षा, फिंगर प्रिंट से पकड़ाया फर्जीवाड़ा अपराधों पर नियंत्रण आसान होगा रिसर्च के मुताबिक देश में कानून के सामान्य ज्ञान की पढ़ाई स्कूल स्तर से ही अनिवार्य की जाए। बच्चों जानकारी होने से वे अपराध और उसकी सजा के बारे में जानकर इनसे दूर रहेंगे। यदि सभी को देश के संविधान व अन्य महत्वपूर्ण कानूनों की जानकारियां होंगी तो अपराधों पर नियंत्रण आसान होगा।