ट्रेन देखने चढ़ा हाकमसिंह अटका
ट्रेन चंद्रावतीगंज पर पहुंची तो वहां दूसरे ग्रामीणों की तरह ही हाकमसिंह भी ट्रेन में चढ़ गया। अन्य लोग समय रहते ट्रेन से उतर गए। उसे लगा यह भी दूसरे ट्रेन की तरह होगी और जब चलेगी तब कूद जाएगा। ट्रेन चल दी तो हाकमसिंह बाहर जाने के लिए गेट पर पहुंचा तो वह लॉक हो गए और वह ट्रेन में ही फंस गया। उसे लगा कि पकड़ा गया तो जुर्माना देना होगा, इसी के चलते उसने रेलवे कर्मचारियों से गेट खोलने की गुहार लगाई। इस पर रेलवे कर्मचारियों ने कहा कि आज कोई जुर्माना नहीं लगेगा। वह इंदौर से वापस ट्रेन से चंद्रावतीगंज जा सकता है।
नेताओं ने बिगाड़ी व्यवस्था
ट्रेन के स्वागत के लिए कई नेता प्लेटफार्म पर आए थे वह ट्रेन में चढ़ते तो उनके साथ ही समर्थक भी ट्रेन में चढ़ गए। इससे डिब्बों के अंदर भीड़ लग गई। वह एक स्टेशन से दूसरे तक इसी तरह से आते-जाते रहे। रास्ते में दो मंत्री भी बैठे। उनसे मिलने और स्वागत के चक्कर में ट्रेन में भारी भीड़ चढ़ गई। इससे यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।
ट्रेन चंद्रावतीगंज पर पहुंची तो वहां दूसरे ग्रामीणों की तरह ही हाकमसिंह भी ट्रेन में चढ़ गया। अन्य लोग समय रहते ट्रेन से उतर गए। उसे लगा यह भी दूसरे ट्रेन की तरह होगी और जब चलेगी तब कूद जाएगा। ट्रेन चल दी तो हाकमसिंह बाहर जाने के लिए गेट पर पहुंचा तो वह लॉक हो गए और वह ट्रेन में ही फंस गया। उसे लगा कि पकड़ा गया तो जुर्माना देना होगा, इसी के चलते उसने रेलवे कर्मचारियों से गेट खोलने की गुहार लगाई। इस पर रेलवे कर्मचारियों ने कहा कि आज कोई जुर्माना नहीं लगेगा। वह इंदौर से वापस ट्रेन से चंद्रावतीगंज जा सकता है।
नेताओं ने बिगाड़ी व्यवस्था
ट्रेन के स्वागत के लिए कई नेता प्लेटफार्म पर आए थे वह ट्रेन में चढ़ते तो उनके साथ ही समर्थक भी ट्रेन में चढ़ गए। इससे डिब्बों के अंदर भीड़ लग गई। वह एक स्टेशन से दूसरे तक इसी तरह से आते-जाते रहे। रास्ते में दो मंत्री भी बैठे। उनसे मिलने और स्वागत के चक्कर में ट्रेन में भारी भीड़ चढ़ गई। इससे यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।
आज सुबह फिर रवाना हुई ट्रेन
आज सुबह वंदे भारत ट्रेन यात्रियों को लेकर भोपाल के लिए रवाना हुई। कल की तरह ही आज भी ट्रेन देखने के लिए लोगों में उत्सुकता देखी गई। स्टेशन पर जितनी जाने वालेे यात्रियों की भीड़ थी, उतनी ही ट्रेन देखने वाले भी थे, जो दूसरी गाड़ी से जाने वाले थे। वह भी ट्रेन के लिए प्लेटफॉर्म नंबर एक पर इकट्टा हो गए थे। तय समय अनुसार सुबह 6.30 बजे प्लेटफॉर्म नंबर एक से गाड़ी रवना हुई। वापसी में ट्रेन न. 20912 भोपाल-इंदौर वंदे भारत रात 10.30 बजे प्लेटफॉर्म-2 पर आएगी। इस ट्रेन के लिए कुछ बदवाल किए गए है। जोधपुर- इंदौर एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म 5 पर आएगी, वहीं इंदौर- जोधपुर एक्सप्रेस से ही वापस जाएगी।
आज सुबह वंदे भारत ट्रेन यात्रियों को लेकर भोपाल के लिए रवाना हुई। कल की तरह ही आज भी ट्रेन देखने के लिए लोगों में उत्सुकता देखी गई। स्टेशन पर जितनी जाने वालेे यात्रियों की भीड़ थी, उतनी ही ट्रेन देखने वाले भी थे, जो दूसरी गाड़ी से जाने वाले थे। वह भी ट्रेन के लिए प्लेटफॉर्म नंबर एक पर इकट्टा हो गए थे। तय समय अनुसार सुबह 6.30 बजे प्लेटफॉर्म नंबर एक से गाड़ी रवना हुई। वापसी में ट्रेन न. 20912 भोपाल-इंदौर वंदे भारत रात 10.30 बजे प्लेटफॉर्म-2 पर आएगी। इस ट्रेन के लिए कुछ बदवाल किए गए है। जोधपुर- इंदौर एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म 5 पर आएगी, वहीं इंदौर- जोधपुर एक्सप्रेस से ही वापस जाएगी।
पहले दिन ही हो गई लड़ाई
वंदे भारत ट्रेन के पहले दिन ही यात्रियों के बीच में लड़ाई हो गई। इंदौर से कुछ पहले एक यात्री की सीट पर दूसरा बैठ गया। जब वह वापस आए और उठने के लिए कहा तो उनके बीच विवाद हो गया। कोच में मौजूद रेलवे कर्मचारियों ने दोनों को समझाकर शांत किया।
वंदे भारत ट्रेन के पहले दिन ही यात्रियों के बीच में लड़ाई हो गई। इंदौर से कुछ पहले एक यात्री की सीट पर दूसरा बैठ गया। जब वह वापस आए और उठने के लिए कहा तो उनके बीच विवाद हो गया। कोच में मौजूद रेलवे कर्मचारियों ने दोनों को समझाकर शांत किया।
यात्रियों का कहना
काम के सिलसिले में हाइकोर्ट आना पड़ता है। अभी बस से सफर करते हैं। अगर ट्रेन का यहां पर स्टापेज हो जाए तो उनके साथ ही दूसरे लोगों का भी फायदा हो जाएगा।
– पवन उपाध्याय
बॉटल रखने की व्यवस्था गलत
यह ट्रेन सबसे अच्छी है, लेकिन डिजाइन में एक कमी देखने को मिल रही है। कुर्सी पर पानी की बोतल रखने के लिए जो स्टैंड बनाया गया है। उसे पीछे वाले यात्री के पैर लगते है, जो कि गलत है। इसे दूर कर देना चाहिए।
– सुनिता यादव
दोनों कमियां पूरीं
भारतीय रेल में दो कमियां रही हैं। एक तो ट्रेन के टॉयलेट हमेशा गंदे मिलते हैं तो वहीं दूसरी सीट इतनी सुविधाजनक नहीं रहती हैं, इसे इस ट्रेन में दूर कर दिया गया है। टॉयलेट साफ हैं तो वहीं सीट भी हवाई जहाज की तरह ही आरामदायक है।
– नताशा
आज जैसा नहीं होना चाहिए
ट्रेन जितनी अच्छी है, कल इंतजाम उतने ही खराब थे। ट्रेन में इतनी भीड़ हो गई थी कि सीट से उठते ही कोई और कब्जा कर लेता था। इसी आगे भी इसी तरह के हालात रहे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
-समृद्धि
काम के सिलसिले में हाइकोर्ट आना पड़ता है। अभी बस से सफर करते हैं। अगर ट्रेन का यहां पर स्टापेज हो जाए तो उनके साथ ही दूसरे लोगों का भी फायदा हो जाएगा।
– पवन उपाध्याय
बॉटल रखने की व्यवस्था गलत
यह ट्रेन सबसे अच्छी है, लेकिन डिजाइन में एक कमी देखने को मिल रही है। कुर्सी पर पानी की बोतल रखने के लिए जो स्टैंड बनाया गया है। उसे पीछे वाले यात्री के पैर लगते है, जो कि गलत है। इसे दूर कर देना चाहिए।
– सुनिता यादव
दोनों कमियां पूरीं
भारतीय रेल में दो कमियां रही हैं। एक तो ट्रेन के टॉयलेट हमेशा गंदे मिलते हैं तो वहीं दूसरी सीट इतनी सुविधाजनक नहीं रहती हैं, इसे इस ट्रेन में दूर कर दिया गया है। टॉयलेट साफ हैं तो वहीं सीट भी हवाई जहाज की तरह ही आरामदायक है।
– नताशा
आज जैसा नहीं होना चाहिए
ट्रेन जितनी अच्छी है, कल इंतजाम उतने ही खराब थे। ट्रेन में इतनी भीड़ हो गई थी कि सीट से उठते ही कोई और कब्जा कर लेता था। इसी आगे भी इसी तरह के हालात रहे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
-समृद्धि