दरअसल 8 जून 2011 को फूड इंस्पेक्टर वैशालीसिंह ने भवरकुआ चौराहा खंडवा रोड पर औचक निरीक्षण करते हुए दूध बेचने वालों को रोका। तभी दतौदा गांव खड़वा रोड के केदार के दूध की टंकी लेकर दूध बेचने जा रहा था। केदार की मोटर साइकिल पर दूध की 40 लीटर की दो टंकिया थी। मौके पर एक टंकी में 30 लीटर गाय का दूध मिला था। आरोपी के पास दूध नापने के लिए एक लीटर और एक आधा लीटर के नाप भी मिले थे।
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फूड इंस्पेक्टर ने दूध का सेंपल ले लिया और स्टेट खाद्य परीक्षण लेब भोपाल में भेज दिया। प्रयोगशाला की जांच में सेंपल में मिलाबट की पुष्टि हुई तो आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। मामले की सुनवाई जिला न्यायालय में हुई। जिला अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया इस मामले में विशेष न्यायाधीश अरविंद सिंह गुर्जर ने आरोपी केदार पिके खिलाफ खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत छह माह का कठोर कारावास और एक हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।