फिलहाल, शुरुआती तफ्तीश में ये भी सामने आया है कि पकड़े गए आरोपी की दलौदा के पूर्व थाना प्रभारी संजीव सिंह परिहार से भी अच्छी दोस्ती थी। वो कई बार उनके केबिन में बैठा और उनके साथ घूमता भी दिखाई दिया है।
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पकड़े गए आरोपी की पहचान राहुल नामदेव के रूप में हुई है। राहुल की मंदसौर जिले के दलौदा थाने के बाहर चाय की दुकान है। राहुल को इंदौर पुलिस ने सब इंस्पेक्टर की वर्दी पहने गिरफ्तार किया है। पुलिस को शंका तब हुई जब आरोपी राहुल नामदेव ने सर्दी में पहनने वाली वर्दी गर्मी में पहन रखी थी। जबकि अभी पुलिस को गर्मी में पहनने वाली वर्दी पहनने का आदेश है।
बताया जा रहा है कि इंदौर पुलिस ने रविवार को होटल रेडिसन चौराहे पर राहुल नामदेव को रोका था। राहुल मंदसौर पासिंग कार क्रमांक एमपी 14 सीडी 2645 जो उसके केशव शर्मा पिता दिनेश शर्मा के नाम से रजिस्टर्ड है, में काली फिल्म लगाकर घूम रहा था। इसी दौरान जैसे ही ट्रैफिक पुलिस के सूबेदार अमित यादव ने उसे रोका तो कांच खोलते ही सब इंस्पेक्टर की वर्दी पहने व्यक्ति दिखा। फिर उन्हें शक इस बात पर हुआ कि युवक ने सर्दी में पहनने वाली वर्दी (अंगुला) पहन रखी थी। जबकि किस भी पुलिसकर्मी को ये वर्दी दर्मी में पहनने की अनुमति नहीं होती।
दरअसल, दलौदा थाने में चाय सप्लाई करते हुए और पूर्व थाना प्रभारी संजीव सिंह परिहार से दोस्ती के चलते राहुल ने वर्दी का रौब देखा था। इसी से प्रभावित होकर आरोपी खुद भी वर्दी पहनकर घूमने लगा। लेकिन उसे ये पता नहीं था कि कौनसी वर्दी कब पहनी जाती है। बताया जा रहा है कि इंदौर पुलिस के सामने रौब दिखाने के लिए राहुल नामदेव ने जब वर्दी का प्रयोग किया तो इंदौर में रेडिसन चौराहा पर पकड़ा गया। जैसे ही राहुल नामदेव की पोल खुली तो वह यह कहते हुए नजर आया कि टोल टैक्स बचाने के लिए उसने वर्दी पहनी थी। इसके बाद पुलिस ने उसे विजय नगर पुलिस को सौंप दिया है। फिलहाल, पुलिस पता लगा रही है कि आरोपी ये वर्दी कहां से लाया था और वर्दी पहनने का असल मकसद क्या था ?