इंदौर

TCS Infosys ने MP के बेरोजगारों के लिए की यह बड़ी पहल

केंपस पहुंचे आइटी मिनिस्टर, दोनों कंपनियों ने कहा, हमारी जरूरत के अनुसार कोर्सेस में विषय जोड़े

इंदौरJul 30, 2021 / 09:01 am

deepak deewan

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इंदौर. प्रदेश के युवाओं को आइटी में रोजगार का सपना दिखाकर रियायती दरों पर जमीन लेने के बाद भी रोजगार नहीं देकर वादाखिलाफी कर रही टीसीएस-इंफोसिस ने अब बड़ी पहल की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दोनों कंपनियों पर जमीन लेने और रोजगार नहीं देने पर सवाल उठाने के बाद से ये मामला गर्माया हुआ है। इस संबंध में आइटी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने दोनों कंपनियों के परिसर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने प्रोजेक्ट की समीक्षा भी की।
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गुरुवार को आइटी मंत्री सखलेचा विशेष तौर पर इंदौर आए और दोनों कंपनियों के कैंपस का दौरा कर उनके प्रतिनिधियों से मिले। दौरे के बाद पत्रकारों से चर्चा में मंत्री ने बताया, दोनों कंपनियों का पक्ष सुना है। इस दौरान जमीन के मुद्दे पर चर्चा नहीं की गई। मुख्य फोकस रोजगार उपलब्ध करवाना रहा। वर्तमान में टीसीएस में ५ हजार, इंफोसिस में करीब १२ सौ और सरकारी आइटी पार्क में ३ हजार प्रोफेशनल्स काम कर रहे हैं। चर्चा में कंपनियों ने बताया, वर्तमान स्थिति को देखते हुए इसे अगले दो साल में आसानी से दोगुना किया जा सकता है।
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दोनों कंपनियों की दलीलें सुनने के बाद उन्होंने बताया, कंपनियों से जमीन छीनने से कुछ हासिल नहीं होगा। कोरोना संकट का समय है। हमारे बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार कैसे मिले, यह हमारा उद्देश्य है? इसके लिए दोनों कंपनियों को उनके वादे याद दिलाए गए हैं। कंपनियों को अगले दो साल में वर्तमान संख्या से डेढ़ गुना रोजगार का लक्ष्य दिया है। कंपनियां भी तैयार हैं। उनकी कुछ जरूरत है, जिसके लिए अगस्त में बैठकर रोडमैप तैयार करेंगे।
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सरकार का कहना है, अनुमान नहीं, इसे ठोस रूप से डेढ़ गुना करना होगा। कंपनियों ने इसके लिए कुछ जरूरी आयोजन और कॉलेजों के साथ समन्वयय के सुझाव दिए हैं। जिन पर काम करेंगे। सखलेचा ने कहा कि कंपनियों का कहना है, हमारी जरूरत के अनुरूप युवाओं में कौशल और शिक्षा दी जाएगी तो चयन में आसानी होगी। दोनों कंपनियों में प्रदेश के युवाओं को रोजगार के मौके मिल रहे हैं। बस इसका प्रतिशत बढ़ाना है। जमीन मुद्दे पर अगस्त आखिरी में चर्चा करेंगे।
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सीएम के बयान के बाद कलेक्टर ने कराई थी लीज शर्तों की जांच

मालूम हो, मुख्यमंत्री के बयान के बाद कलेक्टर मनीषसिंह ने दोनों कंपनियों की लीज शर्तों की जांच करवाई, जिसमें प्रारंभिक तौर पर उल्लंघन मिला। इस आधार पर अनुपयोगी जमीन वापस लेने के लिए नोटिस जारी किए गए थे। इंफोसिस से १३० एकड़ जमीन ली है। ३८ एकड़ पर कैंपस विकसित किया है। वहीं, टीसीएस ने १०० एकड़ जमीन लेकर ६२ एकड़ का उपयोग किया है।
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टीसीएस और इंफोसिस ने ये दिए सुझाव
– आइटी कंपनियों के लिए प्रदेश स्तरीय जॉब फेयर लगाए जाएं।
– इंजीनियर-आइटी प्रोफेशनल्स की रैंकिग के लिए एक कॉमन टेस्ट आयोजित करें, जिससे विद्यार्थी के कौशल और क्षमता का अनुमान लगाया जा सके।
– कोर्से के साथ अंतिम वर्ष में ६ माह का विशेष कोर्स रखें, जिसके लिए दोनों कंपनियां अपनी फैकल्टी इंजीनियरिंग कॉलेजेस भेज सकती हैं।
– अंतिम वर्ष में कंपनी की जरूरत अनुरूप विषय मुख्य कोर्स के साथ ही 6 माह पढ़ाने की अनुमति दें।
– कौशल, क्षमता व व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम व सेमिनार का शिक्षण संस्थाओं में लगातार आयोजन किया जाए।
– प्रोजेक्ट डेवलपमेंट स्किल को विकसित किया जाए।

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