इंदौर

सावधान: मोबाइल व लैपटॉप में हर ऑप्शन को अलाउ करना पड़ सकता है भारी, आपके निजी पल हो सकते हैं कैद, जानिए कैसे

साइबर अलर्ट, स्मार्ट टीवी को लेकर भी बनें स्मार्ट…..

इंदौरAug 31, 2021 / 12:14 pm

Astha Awasthi

cyber crime

इंदौर। स्मार्ट फोन, स्मार्ट टीवी, लैपटॉप व सीसीटीवी का इस्तेमाल करते हुए इंटरनेट से संबंधित सावधानी जरूरी है, वरना निजी पलों और दस्तावेजों को सार्वजनिक होने में देर नहीं लगती। साइबर एक्सपर्ट पंकज वर्मा के मुताबिक, आधुनिक उपकरणों के दुरुपयोग से जुड़े मामले लगातार आते हैं।

लोग जब भी फोन लैपटॉप में ऐप इंस्टॉल करते हैं तो बिना सोचे-समझे सभी ऑप्शन अलाउ करते हुए एक्सेस देते जाते हैं, जबकि यह भारी पड़ सकता है। ऐसे ही स्मार्ट टीवी के वेबकैम और माइक्रोफोन को लेकर जागरूक रहना जरूरी है। वाई-फाई के पासवर्ड को लेकर लापरवाही भी भारी पड़ सकती है। मैक टेबल बनाकर वाई-फाई का दुरुपयोग रोका जा सकता है।

केस-1

एक अफसर के परिवार के व्यक्ति के बेडरूम में लगे स्मार्ट टीवी के कैमरे ने सुहागरात के निजी पलों को कैद कर लिया। बाद में वह लीक होकर पोर्न वेबसाइट तक पहुंच गए। हालांकि वीडियो हटवा दिए गए, पर बात सार्वजनिक हुई तो अफसर को परेशानी का सामना करना पड़ा।

केस-2

विजय नगर रहने वाले व्यापारी के वाईफाई से किसी ने मोबाइल चलाकर पोर्न फिल्में देखीं और उनके लैपटॉप तक पहुंच गया। लगातार विजिट से कंपनी ने उन्हें अलर्ट किया। पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि आसान पासवर्ड होने से पड़ोसी वाईफाई चला रहा था।

इस तरह रखें सावधानी

– स्मार्ट टीवी को बेडरूम में लगाते हैं तो सेटिंग में जाकर कैमरा एक्सेस को ऑफ कर दें। बाय डिफॉल्ट सेटिंग को चेंज करें। कंपनी से आए अकाउंट व पासवर्ड को तुरंत बदलें।

– नाम, नंबर, जन्मदिन तारीख को पासवर्ड बनाने के बजाए अल्फा न्यूमरिक पासवर्ड रखें। एक आसान तरीका यह भी है कि टीवी के कैमरा को टैप से चिपकाकर ऑफ किया जा सकता है।

– वायरलेस सीसीटीवी में बाय डिफॉल्ट यूजर आइडी व पासवर्ड होता है। जब नया कैमरा लेकर उसे इंस्टाल करा रहे हैं तो लगाने के दौरान ही कंपनी के प्रतिनिधि से बात कर पैनल खुलवा लें।

कैसे होता है खतरा

– थर्ड पार्टी ऐप बड़ा खतरा है। ऐप महंगे होते हैं, उसके विकल्प में फ्री ऐप मिलते हैं। हम डाउनलोड कर लेते हैं। ऐप डाउनलोड करने के दौरान सभी अनुमति ले लेता है, जो बाद में भारी पड़ता है।

– थर्ड पार्टी एप्लीकेशन के जरिए हैकर मोबाइल की हर गतिविधि, वीडियो-फोटो यहां तक कि की बोर्ड पर क्या टाइप कर रहे हैं, उस पर भी नजर रखता है। ग्रे मार्केट में निजी जानकारी, दस्तावेज लीक कर हैकर कमाई करते है।

स्मार्ट फोन

ओरिजनल ऐप को प्ले स्टोर से इंस्टाल करें। थर्ड पार्टी ऐप आमतौर पर हैकिंग का जरिया होते हैं। यदि पीडीएफ रीडर डाउनलोड कर रहे हैं तो ऐप को फोटो, वीडियो, कांटेक्ट नंबर एक्सेस करने की परमिशन नहीं दें। इनकी जरूरत नहीं होती है, लेकिन कई बार जल्दबाजी में अनुमति देना जोखिम भरा है।

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