फाइव स्टार होटलों के मामले में इंदौर प्रदेश के बाकी शहरों से बहुत आगे है। यहां रेडिसन, मैरिएट, सयाजी, एसेंशिया, द पार्क, शेरेटन और वॉव होटल जैसी फाइव स्टार होटलों में ही 1 हजार कमरे हैं। शहर की अन्य 300 होटलों में 7500 हजार कमरे हैं। ट्रेवल एजेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एमपीसीजी) के अध्यक्ष हेेमेंद्र सिंह जादौन बताते हैं कि इंदौर की हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री की तारीफ देशभर में होती है। प्रवासी भारतीयों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदौर के खान-पान की तारीफ की, जिसके बाद दुनियाभर के लोग इंदौर आना चाह रहे हैं। इसी को देखते हुए बड़े समूह रुख कर रहे हैं।
सालाना 600 करोड़ टर्नओवर
होटल एसो. के अध्यक्ष सुमित सूरी ने बताया, इंदौर के 300 होटल, रेस्टोरेंट व मैरिज गार्डन का सालाना टर्नओवर 600 करोड़ है। इनमें बड़े ग्रुप के होटल शामिल नहीं होते, जिनके रिटर्न अन्य राज्यों से भी भरे जाते हैं।
होटल एसो. के अध्यक्ष सुमित सूरी ने बताया, इंदौर के 300 होटल, रेस्टोरेंट व मैरिज गार्डन का सालाना टर्नओवर 600 करोड़ है। इनमें बड़े ग्रुप के होटल शामिल नहीं होते, जिनके रिटर्न अन्य राज्यों से भी भरे जाते हैं।
अब समय बदला
पद्मजा ने कहा, अब समय बदल गया है, आज सरकार दरवाजा खटखटाती है। यूनिकॉर्न इंडिया वेंचर के फाउंडर एमडी अनिल जोशी ने बताया, हमने 100 से ज्यादा स्टार्टअप में निवेश किया है जो सभी आगे बढ़ रहे है। मप्र में स्टार्टअप की जो रफ्तार तेज है।
पद्मजा ने कहा, अब समय बदल गया है, आज सरकार दरवाजा खटखटाती है। यूनिकॉर्न इंडिया वेंचर के फाउंडर एमडी अनिल जोशी ने बताया, हमने 100 से ज्यादा स्टार्टअप में निवेश किया है जो सभी आगे बढ़ रहे है। मप्र में स्टार्टअप की जो रफ्तार तेज है।
समिट में एमपी स्टार्टअप इकोसिस्टम कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने बात रखी। इंडियन एंजल लिमिटेड की फाउंडर एमडी पद्मजा रूपारेल ने कहा, इनोवेशन आइडिया वाले स्टार्टअप सफल होते हैं। स्टार्टअप में निवेश का 4 साल में 10 गुना से ज्यादा का फायदा मिला है। स्टार्टअप के बढ़ते कदम के आधार पर अगले कुछ समय में मध्यप्रदेश के 2-3 स्टार्टअप के यूनिकॉर्न बनने की संभावना जताई।
आइटी मंत्री ओपी सकलेचा ने बताया, स्टार्टअप को बढ़ाना देने भोपाल में स्टार्टअप सेंटर खोला है, जल्द ही इंदौर में भी खोलेंगे। उद्योग कमिश्नर पी. नरहरि ने बताया, मप्र में 2597 मान्यता प्राप्त स्टार्टअप है। 1143 स्टार्टअप महिलाएं चल ही। पद्मजा ने बताया कि शुरुआती दौर में जब उन्होंने स्टार्टअप में निवेश की संभावनाओं पर काम किया, लेकिन साथ नहीं मिला।