इंदौर/भोपाल। मध्य प्रदेश के लिए गौरव का विषय है कि इसी धरती से निकले कमन्टेटर को पद्मश्री के लिए चुना गया है। शुरुआती दिनों में जब सुशील दोषी कमेंट्री करते तो लोग उन पर हंसा करते थे। वे कटाक्ष करके कहते कि अंग्रेजों के खेल क्रिकेट में हिंदी कमेंट्री नहीं हो पाएगी? गणतंत्र दिवस के एक दिन पहले पद्मश्री के लिए उनके नाम की घोषणा की गई। दो दिनों तक स्टेडियम के बाहर रहे दोषी अपने पुराने दिनों को याद करते हुए एक मीडिया इंटरव्यू में सुशील ने कहा था कि 1957-58 में ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत के दौरे पर आई थी। तब वो 14 साल के थे। उन्होंने पिता से ब्रेबोर्न स्टेडियम में टेस्ट मैच देखने के लिए कहा। बेटे की बात मानते हुए पिता उन्हें मुंबई लेकर पहुंच तो गए लेकिन स्टेडियम के भीतर एंट्री पाना मुश्किल था। दो दिन तक सुशील दोषी और उनके पिता स्टेडियम के बाहर इंतजार करते रहे। तीसरे दिन पिता द्वारा एक पुलिसकर्मी से गुजारिश पर सुशील को एंट्री मिल गयी। सुशील दोषी इंदौर के रहने वाले हैं।उनके नाम पर इंदौर के होलकर क्रिकेट स्टेडियम में कमेंट्री बॉक्स है।सुशील अब तक 400 से ज्यादा वनडे मैचों की कमेंट्री कर चुके हैं।इसके अलावा उन्होंने 85 टेस्ट मैचों में भी कमेंट्री की है। उन्हें नौ वर्ल्ड कप (50 ओवर के पांच और चार टी20 वर्ल्ड कप) में भी कमेंट्री करने का गौरव हासिल है।