याचिकाकर्ता सिलिकोसिस पीडि़त संघ की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कोर्ट को बताया, इन फैक्ट्रियों में पर्यावरणीय कानूनों एवं सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जा रहा। इससे हजारों लोग सिलिकोसिस की गिरफ्त में आए थे। न्यायमूर्ति सिकरी और न्यायमूर्ति नजीर ने माना, इन इकाइयों से सिलिकोसिस के साथ अन्य गंभीर प्रभाव हो रहे हैं। ज्ञात हो, मप्र के आलीराजपुर, धार तथा झाबुआ के 589 आदिवासी मजदूरों की मौत हो चुकी है। संघ के दिनेश रायसिंह और मोहन सुलिया ने सिलिकोसिस पीडि़तों के लिए पेंशन एवं समुचित पुनर्वास की मांग की है।