इंदौर। एमवायएच में बनने वाले सुपर स्पेशिएलिटी सेंटर के लिए केंद्र सरकार द्वारा मंजूर किए 200 करोड़ रुपए कम पड़ सकते हैं। सेंटर को सुविधा सम्पन्न बनाने के लिए अतिरिक्त खर्च का भार राज्य सरकार को उठाना पड़ेगा। सुपर स्पेशिएलिटी सेंटर की जरूरतों और मौजूदा संसाधनों को लेकर एमवायएच अधीक्षक डॉ. वीएस पाल व कैजुअल्टी प्रभारी डॉ. सुमित शुक्ला ने नई दिल्ली स्थित निर्वाण भवन में स्वास्थ्य मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी सुदीप श्रीवास्तव व एम्स भोपाल के डायरेक्टर के समक्ष प्रेजेंटेशन दिया।
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अधीक्षक डॉ. पाल ने बताया कि प्रेजेंटशन देखने के बाद टीम ने कहा कि 200 करोड़ में सेंटर का निर्माण पूरा करना मुश्किल है। अस्पताल प्रबंधन द्वारा दी जानकारी के मुताबिक यह प्रोजेक्ट राशि के अभाव में अटक सकता है। लागत के सटिक अनुमान के लिए दो दिन के बाद पीडब्ल्यूडी टीम इंदौर आकर एमवायएच का निरीक्षण करेगी। यदि लागत बढ़ती है तो केंद्र सरकार अतिरिक्त आर्थिक मदद नहीं करेगी। केंद्र सिर्फ 120 करोड़ रुपए ही खर्च करेगा।
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यदि अस्पताल प्रबंधन सुविधाएं बढ़वाना चाहता है तो उसे राज्य शासन से आर्थिक मदद लेनी होगी। इसके लिए पहले राज्य शासन की स्वीकृति जरूरी होगी। पीडब्ल्यूडी टीम के निरीक्षण के बाद राज्य शासन को इसकी डीपीआर दिल्ली भेजना होगी। वहां से मंजूरी के बाद केंद्र व राज्य के बीच हिस्सेदारी का अनुबंध होगा। इसमें 40 प्रश हिस्सेदारी राज्य सरकार की होगी। साथ ही अतिरिक्त लागत को देखते हुए राज्य शासन की सहमति भी ली जाएगी।