must read : मेरी किडनी और आंख निकालकर बेचने वाले हैं दोस्त, गैंग बाहर खड़ी है, अब भाग नहीं सकता हूं… 27 जुलाई को एडीजी नकवी द्वारा जारी आदेश में सूबेदार सोनू वाजपेयी को इंदौर से छतरपुर भेजा गया है। इसके अलावा दो अन्य सूबेदारों के भी नाम है। हालांकि ट्रैफिक एएसपी रणजीतसिंह देवके ने अभी तक तबादला आदेश नहीं मिलने की बात कही है। सोनू वाजपेयी 2016 में ही सूबेदार बनी हैं। पहली पोस्टिंग नीमच में थी। 11 जुलाई 2018 को उनकी इंदौर में पोस्टिंग होने का आदेश हुआ और उन्होंने 11 अगस्त को ज्वाइनिंग दी थी। नियमानुसार 3 साल में तबादला होता है, इंदौर ज्वाइन किए अभी एक साल भी नहीं हुआ और यह तबादला आदेश जारी हो गया। आदेश दिनभर वाट्सऐप पर वायरल हुआ।
सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं तबादला आदेश से सूबेदार सोनू वाजपेयी भी आहत है। ‘पत्रिका’ से चर्चा में उन्होंने कहा, अभी आदेश नहीं मिला है। अगर मेरा तबादला हुआ है तो इसके पीछे कारण समझ नहीं आ रहा। सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं। शासन जहां भेजेगा वहां जाना पड़ेगा, लेकिन इतनी जल्दी क्यों ट्रांसफर किया, समझ नहीं आ रहा। आदेश मिलने के बाद अगला कदम तय करूंगी। उन्होंने माना है कि तबादले की एक वजह नेता के साथ हुआ विवाद भी हो सकता है। उन्होंने अभय वर्मा को राजीव गांधी चौराहे पर गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करने पर रोका था।