शहर के बीचोंबीच बनी लोहा मंडी को निरंजनपुर नई मंडी में शिफ्ट करने के लिए जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठा लिया है। अपर कलेक्टर दिनेश जैन ने यातायात पुलिस को निर्देश दिए है कि वाहन छोटे हैं या बड़े उसमें लोहा भरा है तो उसका प्रवेश लोहा मंडी में नहीं हो सकता है। ऐसी गाडिय़ों के आने- जाने पर प्रतिबंध लगाया जाता है।
इसके बावजूद भी व्यापारी कलाकारी करते हुए गलियों से पहुंचते है तो वाहन चालक पर चालानी कार्रवाई की जाए। लगातार दो-तीन बार वह ऐसी हरकत करता है तो गाड़ी जब्त करने तक की कार्रवाई की जा सकती है। प्रशासन के निर्देश पर यातायात पुलिस मंडी में हर तरह की एंट्री पर जवानों को तैनात करेगी।
इधर, प्रशासन की सख्ती के बाद में लोहा व्यापारियों में हड़कम्प मचा हुआ है जिसको लेकर एसोसिएशन आज बड़ी बैठक बुलाने की तैयारी कर रही है। उसमें तय किया जाएगा कि प्रशासन के इस कदम पर क्या प्रतिक्रिया दी जाए? इसमें मजदूर, मुनीम और गुमाश्ता को भी बुलाया जाएगा। सभी से सामूहिक चर्चा करके रणनीति बनाई जाएगी। संभावना है कि आज कमिश्रर व कलेक्टर से मिलने प्रतिनिधि मंडल भी जा सकता है।
जिनको नहीं मिले प्लॉट उनका क्या?
लोहा व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष इसाक चौधरी का कहना है कि जब आचार संहिता लगी हुई है तो जिला प्रशासन इतना बड़ा फैसला कैसे कर सकता है? ये तो सीधे व्यापार पर अटैक है। ३२३ व्यापारियों को आईडीए ने प्लॉट दिए है वे सभी अपना व्यापार नई मंडी से करेंगे। उसके लिए हम वचन बद्ध है। हमारा कहना है कि जिन्हें प्लॉट नहीं मिले थे उन छोटे व्यापारियों का क्या होगा।
लोहा व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष इसाक चौधरी का कहना है कि जब आचार संहिता लगी हुई है तो जिला प्रशासन इतना बड़ा फैसला कैसे कर सकता है? ये तो सीधे व्यापार पर अटैक है। ३२३ व्यापारियों को आईडीए ने प्लॉट दिए है वे सभी अपना व्यापार नई मंडी से करेंगे। उसके लिए हम वचन बद्ध है। हमारा कहना है कि जिन्हें प्लॉट नहीं मिले थे उन छोटे व्यापारियों का क्या होगा।
उनके व्यवस्थापन की कार्रवाई की जाना चाहिए। जैसी हमारी प्रशासन से बात हुई थी उस हिसाब से हमने सभी व्यापारियों को साफ कर दिया था कि सड़क पर किसी भी प्रकार का माल नहीं रखा जाए। सब उसका पालन करने के लिए तैयार है। माल ही नहीं आने देना ये तो अन्याय है।