नगर निगम में ये एकल खिडक़ी निगम कंट्रोल रूम में बनाई गई है। यहां पर पूरा सिस्टम लगाया गया है। यहां पर आवेदक सीधे आने के बाद अपने दस्तावेज सॉफ्ट कॉपी में दे सकेगा। जिसकी हाथों-हाथ यहां मौजूद कर्मचारी जांच कर बता देंगे कि किसी तरह की कमी तो नहीं है। यदि किसी तरह की कमी होगी तो उन दस्तावेजों की जानकारी संबंधित को दे दी जाएगी। यदि किसी नक्शे की ड्राइंग में कोई गड़बड़ी हुई तो उसे भी चिन्हित कर संबंधित को बता दिया जाएगा। वहीं यहां से अप्रुव हुए नक्शे में भी किसी तरह की दिक्कत या किसी कारण से अफसरों द्वारा बाद में रोका गया तो इसे अफसर की लापरवाही मानकर उस अफसर पर ही कार्रवाई करने की तैयारी नगर निगम आयुक्त ने की है।
निगम बेलदार के बाद शुरु हुई थी कवायद
लोकायुक्त द्वारा निगम के बेलदार असलम के पास से मिली करोड़ों की संपंत्ति के बाद निगम ने ये निर्णय लिया था। असलम निगम से नक्शा पास कराने के नाम पर बिल्डर और जनता से मोटी रिश्वत लेता था। सही नक्शों को भी किसी न किसी गलती बताकर अफसर और अन्य जगहों पर असलम रूकवा दिया करता था। और उसके बाद रिश्वत का खेल शुरू होता था। इसे रोकने के लिए ही नगर निगम ने ये खिडक़ी शुरू की है।
0 जो नक्शा व्यक्ति लगाने जा रहा है, उसमें किसी तरह की गड़बड़ी तो नहीं है ताकी बाद में वो रिजेक्ट न हो, इसके लिए ही हमने ये खिडक़ी शुरू की है। जनता की सुविधा के लिए शुरू की गई इस व्यवस्था से बिल्डिंग परमिशन शाखा में भी सुधार आएगा।
– आशीष सिंह, निगमायुक्त