इंदौर. आईआईएम और आईआईटी इंदौर द्वारा प्रबंध शिखर पर आयोजित आई-5 समिट में रविवार को पहुंचे सिंगापुर के इन्वेस्टर व गोविन कैपिटल के सीईओ आनंद गोविनदालुरी ने मिस मैनेजमेंट पर सवाल उठाकर चौंका दिया। गोविनदालुरी इस समिट में निवेश के लिए 5 करोड़ का बजट लेकर आए थे, लेकिन सिर्फ 1 करोड़ रुपए देकर लौट गए।उम्मीद : इंदौर को फाइनेंस सिटी बनाने के लिए सहयोग देंगी SEBI, NSE जैसी कंपनियांवे आयोजन की अव्यवस्थाओं से नाखुश थे। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने मंच से कहा कि गेट फंडेड में शामिल होने के लिए चयनित स्टार्टअप्स का प्रेजेंटेशन मिस मैनेज्ड था। सभी प्रेजेंटेशन काफी लंबे और उबाऊ थे। वेंचर कैपटलिस्ट 3 मिनट के प्रेजेंटेशन में तय कर लेता है कि उसे इन्वेस्ट करना है या नहीं। मैं 72 घंटे की यात्रा करके जिस उम्मीद से यहां आया था, समिट उस पर खरी नहीं उतरी।मेरा समय व्यर्थ गया। टीम को प्रेजेंटेशन किस प्रकार से तैयार करना है, इस बारे में प्रतिभागियों को जानकारी देनी चाहिए थी। इवेंट कोऑर्डिनेटर आईआईएम इंदौर के छात्र अंकित गुलिया ने कहा कि अगले वर्ष से प्रेजेंटेशन देने वाले सभी लोगों प्रॉपर ट्रेनिंग देंगे।साख पर सवाल @ नितिन चावड़ासिंगापुर के इन्वेस्टर आनंद गोविनदालुरी द्वारा सार्वजनिक मंच से मिस मैनेजमेंट की कमी उजागर करना कई सवाल खड़े कर गया। सबसे बड़ा सवाल साख का है। आईआईएम और आईआईटी इंदौर की शान और देश-दुनिया में इंदौर की बड़ी पहचान है। जब स्टार्टअप के मामले में पूरे देश की नजरें उन पर हैं, तब मिस मैनेजमेंट स्वीकार नहीं किया जा सकता। इससे स्टार्टअप वल्र्ड में तेजी से आगे बढ़ रहे इंदौर की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। भविष्य में फंडिंग के लिए होने वाले कार्यक्रमों में भी बड़े इन्वेस्टर आने से कतराएंगे। 1996 में शुरू हुए देश में पांचवें क्रम के आईआईएम इंदौर यानी प्रबंध शिखर पर मिस मैनेजमेंट की तो कल्पना ही मुश्किल है। जो संस्थान हर साल करीब 700 प्रोफेशनल्स को मैनेजमेंट के गुर सिखाकर मार्केट में उतारता हो, सरकारी अधिकारियों, सैन्य अफसरों, आईपीएस और आईएएस तक मैनेजमेंट का पाठ पढ़ाता हो, उसका ही आयोजन अव्यवस्था का शिकार हो गया। इन्वेस्टर गोविनदालुरी की पीड़ा के बाद आईआईएम और आईआईटी जैसे संस्थानों को सोचने पर मजबूर होना चाहिए कि यह चूक कैसे हो गई। विचार यह भी करना होगा कि इसका दोहराव न हो। साउंड की स्पीड से होगा ट्रांसपोर्टेशनहाइपर लुप एक हाई एंड टेक्नोलॉजी है जिसकी मदद से पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन को नए दौर में ले जा सकेंगे। इसमें साउंड की स्पीड (1236 किमी / घंटे ) की रफ्तार से ट्रैवल किया जा सकेगा। यह कहना है कैलिफोर्निया की हाइपर लुप ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजी के चेयरमैन बिबॉप ग्रेस्टा का।वे रविवार को आईआईएम इंदौर में आयोजित आई-5 समिट की क्लोजिंग सेरेमनी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने प्रेजेंटेशन के जरिए बताया, ‘इस टेक्नोलॉजी के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर हवा में तैयार करना पड़ेगा। यह ट्रांसपोर्टेशन ट्यूब के अंदर होगा। सिर्फ हाई स्पीड ही खासियत नहीं है। इसमें सोलर और विंड मिल की एनर्जी का इस्तेमाल किया जाएगा। यह जितनी एनर्जी यूज करेगा उससे अधिक एनर्जी प्रड्यूज करेगा। यह अभी प्लानिंग स्टेज में है, लेकिन इसे लागू किया जा सकता है। भारत के इस दौरे में अथॉरिटी से मिल रहे हैं और अपने इस प्रोजेक्ट के लिए बेस्ट टैलेंट भी तलाश कर रहे हैं।’ समिट के दूसरे दिन गेड फंडेड कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें स्टार्टअप ने एंजल इन्वेस्टर और वीसी के सामने फंडिंग पाने के लिए प्रजेंटेशन दिया। इसमें तीन स्टार्टअप्स को सफलता मिली।रेंट पर अवेलेबल ई कॉमर्स वेबसाइटई कॉमर्स पर वर्कशॉप का आयोजन भी किया गया। इसमें एक्सपर्ट के. वैदेहीश्वरन ने कहा, ‘ऑफलाइन और ऑनलाइन कस्टमर की डिमांड एक ही होती है। एंटरप्रेन्योर को ये बात समझना होगी। उन्हें मीडियम चेंज करने पर प्रोडक्ट चेंज नहीं करना चाहिए। ई कामर्स अब काफी आसान है।वेबसाइट पेमेंट गेटवे के मंथली बेसिस पर रेंट पर मौजूद है जो काफी फायदेमंद है।’ कार्यक्रम में बालाजी चक्रवर्ती ने डिजिटल मार्केटिंग पर वर्कशॉप कंडक्ट की। इसके अलावा पेनल डिस्कशन भी हुआ। समिट में स्टार्टअप्स के लिए 1.30 करोड़ की फंडिंग की गई।इन्हें मिली फंडिंगक्राउडिंगकॉन्सेप्ट : एसएमई और एमएसएमई को आईटी सॉल्यूशन प्रोवाइड कराना। इसके लिए आईटी प्रोफेशनल के बीच कॉम्पीटिशन कराया जाएगा और कॉम्पीटिशन के विनर के प्रोग्राम को एसएमई और एमएसएमई को दिया जाएगा। विनर को प्राइज के रूप में कैश रिवॉर्ड दिया जाएगा।इंस्टीट्यूट : आईआईएम इंदौरको फाउंडर : कनिश अग्रवाल, पल्लव जैन और मोसब चेरियल अराकलफंडिंग मिली : 50 लाख रुपएयूज : कंपनी का प्लेटफॉर्म डेवलप करेंगे। इसके साथ ही मार्केटिंग में इनवेस्ट कर यूजर को कनेक्ट करेंगे।narendra-modi-about-tribal-unity-1369874/”> सांसद भूरिया बोले- PM मोदी घोषणावीर, भ्रमण में व्यस्तएक्सप्रेस लाउंड्रोमेटकॉन्सेप्ट : आईआईएम और आईआईटी में लाउंड्री सर्विस प्रोवाइड करनाइंस्टीट्यूट : आईआईएम इंदौरको फाउंडर : विवेक कुमार, अभिजीत मिश्रा एंड अपूर्व मित्तलफंडिंग मिली : 30 लाख रुपएयूज : अभी आईआईएम इंदौर और आईआईटी इंदौर में सर्विस रन कर रहे हैं। इस फंड से दूसरे आईआईटी और आईआईएम में अपनी सेवाओं का विस्तार करेंगे। इसके साथ ही टॉप प्राइवेट यूनिवर्सिटी में भी इसे शुरू करने को लेकर बात चल रही है।हेल्थ मांककॉन्सेप्ट : मेडिकल टूरिज्म पर बेस्ड है। फॉरेन से आने वाले पेशेंट को बेस्ट मेडिकल सुविधाएं प्रोवाइड करने के साथ उनके आने से लेकर वापस जाने तक की सुविधा मुहैया कराएंगे। इसमें होटल बुकिंग से लेकर वीजा और पोस्ट ऑपरेशन केयर तक सभी शामिल है।को फाउंडर : डॉ. गौतम सेठी (आईआईएम इंदौर और एमजीएम से पासआउट), डॉ. प्रियांक त्यागी और डॉ. सुबेश त्यागीफंडिंग मिली : 50 लाख रुपएयूज : सर्च टेक्नोलॉजी तैयार करेंगे ताकि शहर में बीमारियों के अनुसार उपलब्ध विशेषज्ञों को सर्च किया जा सके।फंड पाने के लिए इन्होंने दिया प्रंजेंटेशन1. हेल्थ मांक2. क्राउडिंग3. मेक माई हाउस4. मेड मॉन्कस5. एक्सप्रेस लाउंड्रोमेट6. राउलफॉक्स डॉट कॉम7. कार्विंग माइंड8. राइट टू वोट9. जेवलव10. लोड मी11. इनट्रीकेट फैशन12. अर्बन कुकुन