मदरसों को शासकीय सहायता बंद हो- उषा ठाकुर
उषा ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मदरसों को लेकर कहा कि देश में सभी बच्चों को समान शिक्षा दी जानी चाहिए। धर्म आधारित शिक्षा कट्टरता बरपाती और विद्वेष का भाव फैलाती है। उन्होंने आगे कहा कि सारा कट्टरवाद और सारे आतंकवादी मदरसों में पले-बढ़े हैं। वहीं मदरसों को बंद करने के लेकर उषा ठाकुर ने कहा कि असम ने मदरसे बंद कर दिए हैं। राष्ट्रवाद में जो भी बाधा डाले वो सारी चीजें देश में बंद होनी चाहिए और मदरसों को मिलने वाली शासकीय सहायता भी बंद होनी चाहिए।
कमलनाथ पर साधा निशाना
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उषा ठाकुर ने कमलनाथ के बयान को याद दिलाते हुए कहा कि कमलनाथ ने कहा था कि मदरसे के इमाम को 5 हजार, मुअज्जिन को 4500 रुपए महीने मानदेय दिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि वक्फ बोर्ड आर्थिक रूप से दुनिया का सबसे बड़ा संगठन है तो फिर कमलनाथ को ऐसा ऐलान करने की जरुरत क्या थी, वक्फ बोर्ड खुद ही मदरसों की व्यवस्था देख लेता। उषा ठाकुर ने सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस से पूछा जाना चाहिए कि वह देश में क्या चाहते हैं। निजी स्वार्थ के लिए क्या आप धर्म, प्रथा-व्यवस्थाएं, सबकुछ बलिदान कर देंगे। पाकिस्तान में 14 फीसदी से हिंदू 1 फीसदी हो गया। कितनी यातना, कितनी प्रताड़नाएं सही, उनका ये विरोध करते हैं। उनके लिए कहीं कोई बात नहीं की। अगर उन्हें सीएए के जरिए नागरिकता दी जाती है तो इन्हें तकलीफ होती है, ऐसे राष्ट्रद्रोही चेहरे बेनकाब होने चाहिए।
‘कांग्रेस ने की एकता-अखंडता को खंड-खंड करने की कोशिश’
मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि जब मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार बनी तो कहा गया कि मंदिरों की आमदनी पर 10 फीसदी टैक्स लगाया जाए। यह 10 फीसदी टैक्स जजिया कर से कोई कम नहीं है। मंदिरों की आमदनी वहीं के व्यवस्थाओं पर खर्च होनी चाहिए। सरकारी खजाने के लिए आप उसे टैक्स के रूप में वसूलें, ये सही नहीं है।