मेरा विद्यालय मेरा अभियान के नाम से स्कूलों का स्वरूप बदलने काम किया गया था। इस सिलसिले में शिक्षा देने के नए तरीके पर चर्चा की गई। इसमें स्कूलों को अभी नया नाम देने बाकी गई ताकि शिक्षा के बदलते स्वरूप के साथ स्कूलों का नाम भी बदला हुआ लगे स्कूलों को मेरा विद्यालय आनंद घर नाम सुझाया था इस पर पिछले साल स्कूलों से सहमति मांगी गई स्कूलों ने सहमति दे दी है जाबेद दामोदर जैन ने बताया कि इस अभियान के तहत काम किया जा रहा है यहां अब तक कई जगहों पर इस नई नीति पर काम शुरू किया जा रहा है।
यह भी पढ़े: स्कूल छात्रों के लिए जरूरी खबर, सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन
उल्लेखनीय है कि पूरे प्रदेश में इस दिशा में काम किया जा रहा है। कोरोनाकाल में जहां शिक्षा व्यवस्था ऑनलाइन थी। ऐसे में स्कूलों के पूर्ण रूप से खुलने के बाद आनंद केन्द्र के रूप में कुछ जगह पर नए पैटर्न पर पढ़ाई कराई जाएगी। स्कूल को आनंद केन्द्र का रूप देने के लिए प्रदेश के कई जिलों के साथ राजधानी से भी स्कूल संचालकों ने सहमति दी है। इनमें कई निजी स्कूल संचालक है। अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के तहत भी शिक्षा व्यवस्था में बदलाव लाने का प्रावधान है। एनसीईआरटी पूर्व सदस्य दामोवर जैन ने बताया कि स्कूलों में शिक्षा के बदलाव के साथ यहां नया माहौल देने की भी बात हो रही है। ऐसे में आनंदधर स्कूल का नाम हो सकता है। इसे लेकर शुरुआत की जा रही है।