सावन विशेष : इस शिव मंदिर की छत पर हर रोज इसलिए आते हैं हजारों तोते
इंदौर. भोले बाबा के भक्त भक्ति के साथ उनकी तरह हर किसी की सेवा में दिनभर जुटे रहते हैं। ऐसे भक्त मंडल की सुबह सेवा से होती है। पंचकुइया स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंग पर रोज हजारों तोतों की पंगत लगती है। तोते सुबह ज्वार खाने मंदिर की छत पर आते हैं। वहीं नौलखा स्थित कांटाफोट मंदिर में भूखों को जहां खाना देने के साथ ही गाय की सेवा भी करते हैं।
सुबह पांच बजे से आने लगते हैं तोते पंचकुइया शिव मंदिर हुकमचंद कॉलोनी चौराहा पर द्वादश ज्योतिर्लिंग के स्वरूप में शिवजी के दर्शन होते हैं। यहां पांच कुइया हैं। नदी किनारे घाट है। मंदिर का कार्य ट्रस्ट और भक्त मंडल के माध्यम से होता है। जगदीश गर्ग ने बताया, मंदिर की छत पर रोज सुबह 5 बजे से तोतों की पंगत लगती है। लगभग 4 क्विंटल ज्वार डाली जाती है। पक्षी विशेषज्ञों का कहना है, लगभग 2 लाख तोते एक घंटे में पूरी ज्वार चुग लेते हैं। एक बार पंगत में हजारों तोते बैठते हैं, जैसे ही वे उड़ते हैं तो दूसरी पंगत लग जाती है।
70 वर्षों से भूखों का पेट भर रहे भक्त नौलखा स्थित कांटाफोड़ मंदिर पर भक्त 70 सालों से हर भूखे का पेट भर रहे हैं। भक्त मंडल के बीके गोयल ने बताया, हर अमावस्या पर भंडारा होता है, लेकिन सावन माह में प्रतिदिन सुबह भरपेट नाश्ता दिया जाता है। भक्त मंडल वर्षों से शनिवार और प्रदोष पर विशेष कीर्तन करते हैं। भक्तों को पूजन सामग्री भी नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जाती है। जल चढ़ाने के लिए 80 लोटे भी रखे हैं। 365 दिन भक्त 20 किलो से अधिक फूलों का शृंगार करते है। 17 सालों से बाबा अमरनाथ के भक्तों के लिए सामग्री भेजी जाती है। डेढ़ माह तक बनाने वाले और सेवा करने वाले एक लाख भक्तों की सेवा में अमरनाथ यात्रा मार्ग पर जुटे रहते हैं। इस साल मौसम की खराबी और यात्रा रुकने से सामग्री नहीं भेजी जा सकी।
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