दरअसल, बुधवार को बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय इंदौर शहर में एक जर्जर मकान को गिराने गए नगर निगम अधिकारियों की बल्ले से पिटाई की थी। निगम द्वारा दर्ज करवाए गए एफआईआर के बाद पुलिस ने आकाश विजयवर्गीय को गिरफ्तार कर लिया था। उसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। वहीं, कोर्ट से भी जमानत नहीं मिलने के बाद उन्हें जेल में भी रहना पड़ा। अब आकाश विजयवर्गीय के केस की सुनवाई भोपाल सेशन कोर्ट में होगी।
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शुक्रवार को कैलाश विजयवर्गीय के बेटे और बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय के समर्थकों ने इंदौर शहर में ‘SALUTE AKASH JI’ के नाम से पोस्टर लगवाए। जैसे ही इंदौर नगर निगम को इसकी खबर मिली। तुरंत निगम के अधिकारी लाव लश्कर के साथ सड़क पर उतर आए। उसके बाद जिन जगहों पर भी आकाश विजयवर्गीय के पोस्टर लगे थे, उसे उखाड़कर ले गए।
शुक्रवार को कैलाश विजयवर्गीय के बेटे और बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय के समर्थकों ने इंदौर शहर में ‘SALUTE AKASH JI’ के नाम से पोस्टर लगवाए। जैसे ही इंदौर नगर निगम को इसकी खबर मिली। तुरंत निगम के अधिकारी लाव लश्कर के साथ सड़क पर उतर आए। उसके बाद जिन जगहों पर भी आकाश विजयवर्गीय के पोस्टर लगे थे, उसे उखाड़कर ले गए।
जमानत याचिका हो गई खारिज
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ( Kailash Vijayvargiya ) के बेटे आकाश विजयवर्गीय फिलहाल इंदौर की जेल में हैं। सेशन कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी पर कोई सुनवाई नहीं करते हुए इसे अपने क्षेत्राधिकार से बाहर बताया। अब आकाश की जमानत अर्जी पर सुनवाई भोपाल की विशेष अदालत में होगी। भोपाल में जनप्रतिनिधियों के लिए विशेष अदालत बनाई गई है।
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ( Kailash Vijayvargiya ) के बेटे आकाश विजयवर्गीय फिलहाल इंदौर की जेल में हैं। सेशन कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी पर कोई सुनवाई नहीं करते हुए इसे अपने क्षेत्राधिकार से बाहर बताया। अब आकाश की जमानत अर्जी पर सुनवाई भोपाल की विशेष अदालत में होगी। भोपाल में जनप्रतिनिधियों के लिए विशेष अदालत बनाई गई है।
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इन धाराओं में हुआ केस दर्ज
भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय के साथ ही दस अन्य साथियों पर पुलिस ने भारतीय दंड विधान की धारा 353 (लोक सेवक को भयभीत कर उसे उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए उस पर हमला), 294 (गाली-गलौज), 323 (मारपीट), 506 (धमकी), 147 (बलवा) और 148 (घातक हथियारों से लैस होकर बलवा) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।
इन धाराओं में हुआ केस दर्ज
भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय के साथ ही दस अन्य साथियों पर पुलिस ने भारतीय दंड विधान की धारा 353 (लोक सेवक को भयभीत कर उसे उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए उस पर हमला), 294 (गाली-गलौज), 323 (मारपीट), 506 (धमकी), 147 (बलवा) और 148 (घातक हथियारों से लैस होकर बलवा) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।