इंदौर में वीआईपी नंबर का कल्चर है। वीआईपी नंबर से परिवहन विभाग को अच्छा खासा राजस्व विभाग को मिलता भी है। इंदौर में 13 लाख रुपए से अधिक कीमत तक वीआईपी नंबर नीलामी के माध्यम से बिक जाते हैं। परिवहन विभाग ने एक अगस्त से नए पोर्टल पर ही वाहनों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। डीलर ही पोर्टल पर वाहन रजिस्ट्रेशन करेंगे। इस प्रक्रिया के शुरू होने से पहले नई सीरिज डब्ल्यूएन में वीआईपी नंबर की चाह में इंदौर के वाहन मालिक थे, लेकिन अब उन्हें इस सीरीज में नंबर मिलना मुश्किल दिख रहा है। शासन के निर्देश के बाद उनके अरमानों पर पानी फिरता दिख रहा है।
अफसर भी गफलत में दूसरी ओर वाहनों के वीआईपी नंबरों की नीलामी की प्रक्रिया पूर्व में महीने में दो बार थी, लेकिन अब एनआईसी के पोर्टल पर वीआईपी नंबरों की नीलामी महीने में चार बार होना बताया जा रहा है। एक अगस्त को होने वाली नीलामी प्रक्रिया नहीं हो पाई। आरटीओ अधिकारी को भी अब पूरी प्रक्रिया स्पष्ट नहीं है। खुद ही प्रक्रिया को लेकर गफलत में है। नीलामी डीलर के लाॅगइन आईडी से होगी या फिर पुरानी प्रक्रिया में। जो लोग नीलामी में भाग लेते आ रहे हैं, उन्हें लाॅगइन आईडी जनरेट किया जाएगा। अधिकारी नीलामी प्रक्रिया को लेकर निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं।
शासन ने निर्देश दिए है पुरानी सीरिज के नंबर नहीं होंगे अलाट शासन ने स्मार्टचिप कंपनी को निर्देशित कर दिया है कि वह वीआईपी नंबर आवंटित नहीं करेगी। नए पोर्टल के माध्यम से नई सीरीज में नंबर दिए जाएंगे। अभी पोर्टल पर तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं। कुछ डीलर तो ऐसे भी हैं जो तकनीकी परेशानी के चलते एक भी वाहन रजिस्टर्ड नहीं कर पाए हैं।
जितेंद्र रघुवंशी आरटीओ