ये है बड़ी वजह
सूत्रों का कहना है कि डाटा देखकर कार्ड एक साथ प्रिंट कर दिए। पेपरों के अते-पते नहीं है। जबकि होता ये रहा है कि कार्ड प्रिंट के बाद दस्तावेजों से फोटो मिलाकर कार्ड अलग कर दिए जाते थे। पेपर पर एजेंट का नाम लिखा होता है। यदि आवेदक ने बगैर एजेंट के लाइसेंस बनवाया है तो उसके कार्ड अलग रखे जाते हंै। अब जब एक साथ डाटा को सिलेक्ट कर कार्ड निकाल देने से यह स्थिति खड़ी हो गई है।
सूत्रों का कहना है कि डाटा देखकर कार्ड एक साथ प्रिंट कर दिए। पेपरों के अते-पते नहीं है। जबकि होता ये रहा है कि कार्ड प्रिंट के बाद दस्तावेजों से फोटो मिलाकर कार्ड अलग कर दिए जाते थे। पेपर पर एजेंट का नाम लिखा होता है। यदि आवेदक ने बगैर एजेंट के लाइसेंस बनवाया है तो उसके कार्ड अलग रखे जाते हंै। अब जब एक साथ डाटा को सिलेक्ट कर कार्ड निकाल देने से यह स्थिति खड़ी हो गई है।