विशेषज्ञों से जानें बड़े खतरे के बारे में अनुवांशिकता भी कारण: डॉ संदीप श्रीवास्तव के अनुसार, 20 से 30 की आयु वर्ग में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़े हैं। हृदय रोग का प्रमुख कारण अनुवांशिकता भी है। तनाव, अपर्याप्त नींद, शारीरिक शिथिलता, प्रदूषण, मोटापा हृदय को प्रभावित करता है। कम उम्र वाले यह न सोचें कि वे शारीरिक श्रम कर रहे हैं तो खतरा नहीं है। कभी भी, कहीं भी मेजर हार्ट अटैक या स्ट्रोक आ सकता है।
सभी को आनी चाहिए सीपीआर प्रोसेस: डॉ. सिद्धांत जैन ने बताया कि पश्चिमी देशों के मुकाबले भारतीय युवाओं में यह बीमारी जल्दी व ज्यादा होती है। इसका कारण गलत खानपान और अस्वस्थ जीवन शैली है। कार्डियक अरेस्ट ऐसी मेडिकल इमरजेंसी है, जिसमें हार्ट काम करना बंद कर देता है। ऐसे में एंबुलेंस आने से पहले पीडि़त व्यक्ति को सीपीआर दिया जाए तो मरीज की जान बचाई जा सकती है। सीपीआर के प्रति जागरुकता बढ़ानी जरूरी है।एक ही तेल में तली चीजें नुकसानदायक: डॉ. मोहम्मद अली ने बताया कि लोग बाहर अधिक खाने लगे हैं। एक ही तेल में तलने से इन चीजों में हाइड्रोजेनेटेड फैट बढ़ जाता है जो स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक होता है। फैटी हार्ट से संबंधित मौत में से 70 प्रतिशत मौत को प्राइमरी प्रिवेंशन से बचाया जा सकता है। अगर छाती के बीच दर्द हो तो उसे गंभीरता से लें।
नशे से हार्ट को अधिक खतरा: डॉ. मनीष पोरवाल ने बताया कि धूम्रपान और शराब की लत से भी हर साल मरीजों की संख्या बढ़ रही है। कम उम्र में युवा नशे की लत का शिकार हो रहे हैं। 30 वर्ष की उम्र में ही हृदय संबंधी जांच करानी चाहिए। इससे ब्लाॅकेज, कोलेस्ट्राल आदि की जानकारी मिलती है। समय पर इलाज मिलने से अधिक उम्र में भी हार्ट अटैक का खतरा कम किया जा सकता है।