जानें कैसे जाल फंसाया
एडीसीपी जोन-1 आलोक शर्मा के मुताबिक, देवेश शर्मा के पास 31 मई को रैपिडो के जरिए एक बुकिंग आई थी। इसके बाद गुरुवार की दोपहर उसे अनजान नंबर से फोन आया और कहा गया कि मैं आईपीएस अफसर हूं। मैं अर्जेंट ड्यूटी पर जा रहा हूं। मुझे तुम्हारी मदद चाहिए है। भाईजी अस्पताल सदर बाजार से एक मरीज को कालानी नगर छोड़ना है। इसके लिए तुम्हें एक्ट्रा पैसे मिलेंगे। आरोपी ने देवेश से कहा कि मैं तुम्हें आनलाइन 700 रुपए ट्रांसफर करा रहा हूं। 400 रुपए मरीज को देना और 300 रुपए खुद ले लेना। इसके थोड़ी देर बाद ही उसने फर्जी 7000 हजार रुपयों का मैसेज भेजकर कहा कि ये पैसे भी मरीज को ट्रांसफर कर देना। फिर उसने एक और नंबर भेजा जिसमें उसने दो हजार रुपए एक मोबाइल नंबर पर ट्रांसफर करने के लिए कहा।
वीडियो कॉल पर आरोपी बना पुलिस
देवेश ने उसकी बातों में आकर पैसे ट्रांसफर कर दिए। आरोपी ने वीडियो कॉल की डिटेल्स पुलिस से साझा की है। उसने बताया कि आरोपी ने बैकग्राउंड में कच्चा घर और उसके कपड़े देखे तो शक हुआ। इसके बाद उसने फोन काट दिया। इधर, पुलिस का कहना है कि ये राजस्थान का नंबर है। वहीं से फोन आया है।