प्रदेश में ओबीसी आरक्षण की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाने के कारण अधिकारी बनने की तैयारी में लगे अभ्यर्थियों में निराशा है। पीएससी की राज्य सेवा परीक्षाओं के मूल्यांकन का काम निपटने के बावजूद आयोग इनके रिजल्ट जारी नहीं कर रहा। नतीजों के लिए आयोग शासन से मार्गदर्शन भी मांग चुका है। अधिकारियों के अनुसार शासन के निर्देश पर ही नतीजे जारी हो सकेंगे।
मप्र लोक सेवा आयोग (एमपी पीएससी) की 2019 की राज्य सेवा मुख्य परीक्षा के नतीजों का बेसब्री से इंतजार है। इसके बाद इस वर्ष जुलाई में 2020 की राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा भी कराई जा चुकी है। इसकी मॉडल ऑन्सरशीट जारी कर आपत्तियों का निपटारा करने के बाद फाइनल ऑन्सरशीट 19 अगस्त को जारी कर दी गई। कम्प्यूटराइज्ड मूल्यांकन होने से माना जा रहा था कि दो सप्ताह में ही इन परीक्षाओं के रिजल्ट घोषित हो जाएंगे। मगर, रिजल्ट का इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। दरअसल, रिजल्ट जारी होने में सबसे बड़ी अड़चन ओबीसी आरक्षण को लेकर कोर्ट में लगी याचिका है। प्रदेश सरकार ने ओबीसी आरक्षण 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी कर दिया है जिसे कोर्ट में चुनौती दी गई। इस पर अंतिम फैसला आने तक पीएससी भी नतीजे जारी करने से बच रहा है।
बाकी भर्तियां भी खटाई में
आरक्षण के इस पेंच के कारण पीएससी की बाकी भर्तियां भी खटाई में है। इस साल होने वाली परीक्षाएं भले ही करा ली जाएं लेकिन, इनके अंतिम नतीजे भी आरक्षण की स्थिति स्पष्ट होने पर जारी हो सकेंगे। 2021 की राज्य सेवा परीक्षा की अधिसूचना सितंबर में ही जारी की जाना थी। पीएससी तय नहीं कर पा रहा कि इस परीक्षा में ओबीसी के लिए कितनी सीटें आरक्षित की जाएं। पीएससी अधिकारियों के अनुसार 2019 की मेन्स और 2020 की प्रारंभिक परीक्षा का मूल्यांकन हो चुका है। शासन से आरक्षण के संबंध में निर्देश मिलते ही इन परीक्षाओं के नतीजे जारी कर दिए जाएंगे।
मप्र लोक सेवा आयोग (एमपी पीएससी) की 2019 की राज्य सेवा मुख्य परीक्षा के नतीजों का बेसब्री से इंतजार है। इसके बाद इस वर्ष जुलाई में 2020 की राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा भी कराई जा चुकी है। इसकी मॉडल ऑन्सरशीट जारी कर आपत्तियों का निपटारा करने के बाद फाइनल ऑन्सरशीट 19 अगस्त को जारी कर दी गई। कम्प्यूटराइज्ड मूल्यांकन होने से माना जा रहा था कि दो सप्ताह में ही इन परीक्षाओं के रिजल्ट घोषित हो जाएंगे। मगर, रिजल्ट का इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। दरअसल, रिजल्ट जारी होने में सबसे बड़ी अड़चन ओबीसी आरक्षण को लेकर कोर्ट में लगी याचिका है। प्रदेश सरकार ने ओबीसी आरक्षण 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी कर दिया है जिसे कोर्ट में चुनौती दी गई। इस पर अंतिम फैसला आने तक पीएससी भी नतीजे जारी करने से बच रहा है।
बाकी भर्तियां भी खटाई में
आरक्षण के इस पेंच के कारण पीएससी की बाकी भर्तियां भी खटाई में है। इस साल होने वाली परीक्षाएं भले ही करा ली जाएं लेकिन, इनके अंतिम नतीजे भी आरक्षण की स्थिति स्पष्ट होने पर जारी हो सकेंगे। 2021 की राज्य सेवा परीक्षा की अधिसूचना सितंबर में ही जारी की जाना थी। पीएससी तय नहीं कर पा रहा कि इस परीक्षा में ओबीसी के लिए कितनी सीटें आरक्षित की जाएं। पीएससी अधिकारियों के अनुसार 2019 की मेन्स और 2020 की प्रारंभिक परीक्षा का मूल्यांकन हो चुका है। शासन से आरक्षण के संबंध में निर्देश मिलते ही इन परीक्षाओं के नतीजे जारी कर दिए जाएंगे।