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‘भोपाल में भी नहीं मिल रहा, यहां भी कोई जवाब नहीं दे रहे’
इंदौर के क्वालिटी ड्रग हाउस के गेट के बाहर जहां रेमडेसिविर इंजेक्शन खत्म होने का नोटिस चस्पा था, वहीं इंजेक्शन लेने वालों की कतार में खड़े एक युवक हर्ष श्रीवास्तव ने बताया कि, उसके चाचा भोपाल के अस्पताल में भर्ती हैं। इंजेक्शन भोपाल में भी नहीं मिल रहा है। ड्रग हाउस के कर्मचारियों ने मंगलवार को वादा किया था कि, बुधवार यानी आज किसी भी हालत में दोपहर 12 बजे तक इंजेक्शन मिल जाएगा। आज जब तय समय पर इंजेक्शन लेने आए हैं, तो ये लोग इंजेक्शन देना तो दूर की बात कब तक मिल सकेगा, इस संबंध में भी कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं।
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2-3 दिन में सप्लाई में सुधार के आसार
आपको बता दें कि, कोरोना के मरीज को लगने वाले इस खास इंजेक्शन की सप्लाई अक्टूबर से फरवरी के बीच केस कम होने की वजह से घट गई थी। इसी वजह से इस इंजेक्शन को बनाने वाली कंपनियों ने इसका प्रोडक्शन घटा दिया था। लेकिन, पिछले माह से अचानक कोरोना ने घातक रूप धारण कर लिया है। ऐसे में अब कंपनियां 24 घंटे प्रोडक्शन करने के बाद भी मार्केट में सप्लाई पूरी नहीं कर पा रही हैं। हालांकि, कंपनियों ने 3 अप्रैल से एक बार फिर 24 घंटे प्रोडक्शन का काम शुरु कर दिया है। अनुमान के मुताबिक, 10 अप्रैल तक सप्लाई व्यवस्थित होने की उम्मीद है।
कालाबाजारी रोकने के लिये कलेक्टर ने दिये आवश्यक निर्देश
वहीं, शहर में इंजेक्शन की कालाबाजारी रोकने के लिए कलेक्टर मनीष सिंह ने आदेश जारी करते हुए कहा कि, इंजेक्शन खरीदने के लिये आधार कार्ड या अन्य फोटो आईडी का होना आवश्यक है। इसके साथ ही, इंजेक्शन खरीदने वाले को मरीज की पॉजिटिव रिपोर्ट भी दिखानी होगी और डॉक्टर की सिफारिशी पर्ची भी जरूरी होगी। इसके अलावा, रोजाना स्टॉकिस्ट को भी सुबह 11 बजे तक डिमांड और सप्लाई से संबंधित पूर्ण जानकारी देनी होगी।
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पांच से छह हजार की डिमांड इंदौर में
प्रदेश में सबसे ज्यादा डिमांड इंदौर में है। यहां 700 मरीज रोजाना आ रहे हैं। संक्रमण दर भी 16% तक पहुंच गई है। मौतें भी हो रही हैं। इंदौर जिले में रोजाना पांच से छह हजार इंजेक्शन्स की खपत के अनुरूप डिमांड हो रही है।