इंदौर

अर्श से फर्श तक का सफर ऐसे किया तय

नया करने से कभी भी ना डरे,टॉप पर रहने का जुनून रखता है आगे

इंदौरOct 19, 2017 / 02:47 pm

अर्जुन रिछारिया

नया करने से कभी भी ना डरे
मेरी जिंदगी तो 21 साल की उम्र में शुरु हुई जब मैंने स्टील ट्यूब ऑफ इंडिया की स्थापना की। इससे पहले हमारा परिवार कपड़े के व्यवासाय में था। मेरे युवा मन में कुछ अलग करने की इच्छा थी इसलिए देवास में स्टील प्लांट डाला। लोगों ने बेहद डराया लेकिन मैं डरा नहीं। तब का समय आज जैसा नहीं था, लाइसेंस और परमिट लेने में चप्पलें घिस जाती थी लेकिन जो ठान लिया तो ठान लिया। फिर एक समय ऐसा आया जब मेरी स्टील ट्यूब ऑफ इंडिया मध्यभारत की सबसे बड़ी प्रिसीजन ट्यूब बनाने वाली कंपनी बन गई। सन 2006 जीवन के उत्तार्ध में कंपनी को लार्ड स्वाराज की कपारो स्टील कंपनी ने टेकओवर किया। उस समय यह पहली बार था जब विदेशी कंपनी ने इंदौर आकर मेरी कंपनी को टेकओवर किया। मेरा मानना है अदम्य उत्साह और तीव्र अभिरुची के साथ आप कोई काम करते हैं जो जरुर सफल होते हैं।
रमेशचंद्र बाहेती
उद्योगपति
टॉप पर रहने का जुनून रखता है आगे
1977 में गुजरात से इंदौर तक का सफर आसान था लेकिन इंदौर में टिके रहने का बेहद मुश्किल था। ऐसे में पिता का साया जल्दी उठ गया तो बड़े भाई ने संभाला। हमने अपनी शुरुआत पाइप इंडस्ट्री से की थी। उस वक्त हम भारत में टॉप 3 तक की पोजिशन बनाने में सफल रहे। फिर ट्रेक्टर और आयशर में हाथ आजमाएं यहां भी सफलता हासिल कर ली। यहीं से जुनून शुरु हुआ हमेशा टॉप पर रहने का।
मैंने खुद से ही प्रतियोगिता करनी शुरु कर दी। अपनी कामयाबी के कीर्तीमान तोड़ना मेरा सपना था। इस सपने को साकार करने की एक ही कुंजी थी, ग्राहकों के जूते में अपना पैर डालना। ग्राहकों का नजरियां समझा। उनकी हर शिकायत को दूर कर उन्हें संतुष्ट किया। व्यापार की पहली शर्त है कमिटमेंट, वह मेरा अपने ग्राहक, डीलर, कलीग सभी से है। इसी जुनून और प्रतिबद्धता ने हमें हमेशा टॉप पर रखा।

अरविन्द पटेल
मैनेजिंग डायरेक्टर, ‌पटेल मोटर्स

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