इंदौर

स्कूल बैग से निकला दो मुंह वाला दुर्लभ सांप, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत डेढ़ करोड़

Red Sand Boa Snake : दो मुंह वाले दुर्लभ रेड सेंड बोआ सांप के साथ बेचने और खरीदने वाले 4 तस्कर गिरफ्तार। सांप की जांच कर रहे थे खरीदने वाले तस्कर, तभी पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम ने दबोचा।

इंदौरNov 02, 2024 / 12:07 pm

Faiz

Red Sand Boa Snake : मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में वन विभाग और टाइगर स्ट्राइक फोर्स ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए दो मुंहे सांप की खरीदी-बिक्री करने वाले 4 आरोपियों को सांप के साथ गिरफ्तार किया है। दो आरोपियों ने सांप को बेचने के लिए पहले उज्जैन के एक ग्राहक से सौदा किया था, लेकिन मन माफिक रकम न मिलने से बात नहीं बनी। इसके बाद देवास के ग्राहकों से डील हुई। आरोपी सांप बेचने के लिए नेमावर ब्रिज के नीचे खड़े थे, तभी वन विभाग की टीम ने उन्हें दबोच लिया। चारों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। वन विभाग की टीम ने सांप को चिड़ियाघर प्रबंधन के सुपुर्द किया है।
रेंजर जयवीर सिंह जादौन ने बताया कि सूचना के आधार पर टाइगर स्ट्राइक फोर्स के वनपाल दिनेश आंजना और डिप्टी रेंजर कोमल पालीवाल ने कार्रवाई की है। टीम ने नेमावर ब्रिज के नीचे से माखन पिता चंगीराम निवासी सनावदिया और धीरज पिता राजेश निवासी खजराना को पकड़ा है। इनके पास एक स्कूल बैग था, जिसकी तलाशी लेने पर अंदर से दो मुंहा सांप निकला। कुछ देर बाद यहां विवेक पिता राकेश निवासी ग्राम पनोड़ सांवेर और गोकुल पिता रामप्रसाद निवासी राजोदा सांवेर सांप खरीदने पहुंचे। पुलिस ने उन दोनों तस्करों को भी दबोचकर कुल चारों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
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डेढ़ लाख रुपए मांगी थी कीमत

माखन और धीरज ने जंगल से यह सांप पकड़ा और पहले उन्होंने उज्जैन के एक ग्राहक से संपर्क किया। वे सांप दिखाने उज्जैन भी गए थे। सांप की कीमत करीब डेढ़ लाख रुपए मांगी तो सौदा नहीं हुआ। इसके बाद इंदौर आकर देवास के ग्राहक से संपर्क किया।
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पाबंदी के बावजूद क्यों होती है इसकी तस्करी?

मालूम हो कि शरीर के दोनों तरफ मुंह वाले इस सांप को रेड सेंड बोआ कहा जाता है। इसे बेहद दुर्लभ प्रजाति का सांप माना जाता है। भारत के वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत ये सांप संरक्षित जीव में आता है। यही कारण है कि इसके पालने पर भी पाबंदी है। हालांकि, अंतर्रराष्ट्रीय बाजार में इसकी तस्करी की जाती है और इसे तस्करों द्वारा डेढ़ करोड़ रुपए तक में बेचा जाता है। यही कारण है कि इतनी पाबंदियों के बावजूद भी इस सांप की तस्करी के मामले लगातार सामने आते रहते हैं। खास बात ये है कि ये सांप जहरीले और आक्रामक स्वभाव के नहीं होते हैं।

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