कर्मचारियों का कहना है कि नियमानुसार कर्मचारियों वेतन कॉन्ट्रेक्टर कंपनी को देना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं करते हुए छह से सात हजार रुपए ही दिए जा रहे हैं, जबकि 9 से साढे नौ हजार रुपए दिए जाना चाहिए। कम वेतन मिलने से कर्मचारी दो शिफ्ट में काम कर रहे हैं ताकि परिवार का भरण पोषण कर सकें, लेकिन कर्मचारियों के काम बंद किए जाने के बाद उनकी दूसरी शिफ्ट बंद कर दी गई। सूत्रों का कहना है कि कंपनी ने जल्दबाजी में 20 नए कर्मचारी काम पर रखे हैं, लेकिन इनका पुलिस वेरीफिकेशन तक नहीं किया गया। वहीं औपचारिकता भी पूरी नहीं कराई गई। इधर, रेलवे अधिकारियों का कहना है कि कंपनी जिन भी कर्मचारियों को रखता है उसे रेलवे के नियमों का पालन किया जाना होता है। कॉन्ट्रेक्टर कंपनी की पूरी जिम्मेदारी होती है।