मोदी ने कहा कि इंदौर ने देश में पहचान स्थापित की है। खाने पीने के लिए अपन का इंदौर, अपन का इंदौर, देश ही नहीं पूरी दुनिया में लाजवाब है। इंदौरी नमकीन का स्वागत, यहां पर जो पौहे का पेंशन है, साबू दाने की खिचड़ी, कचौरी, समौसे, शिकंजी, जिसने भी इसे देखा, उसके मुंह का पानी नहीं रुका और जिसने इसे चखा, उसने और कहीं मुड़कर नहीं देखा। इसी तरह 56 दुकान तो प्रसिद्ध है ही, सराफा ही अहम है। यही वजह है कि कुछ लोग इंदौर को स्वच्छता के साथ-साथ स्वाद की राजधानी भी कहते हैं। मुझे विश्वास है कि यहां के अनुभव खुद भी नहीं भूलेंगे, और दूसरों को यहां के बारे में बताना भी नहीं भूलेंगे। मोदी ने कहा कि चार सालों के बाद यह आयोजन मूल स्वरूप में, पूरी भव्यता के साथ हो रहा है। अपनो के आमने-सामने की मुलाकात, आमने सामने की बात का अलग ही आनंद होता है।