ब्लास्टिंग के बाद ग्रामीणों ने सिमरोल थाने का घेराव कर दिया। उधर कुछ लोग निर्माण कंपनी मेघा इंजीनियरिंग के दफ्तर में पहुंच गए और वहां खूब तोड़फोड़ करते हुए कर्मचारियों से मारपीट भी की। प्रोजेक्ट इंचार्ज नागेश्वर राव को जिंदा जलाने की धमकी दी।
यह भी पढ़ें : एमपी में बनेगा नया महानगर, चार जिलों के 8 हजार वर्ग किमी में आकार लेगा मेट्रोपोलिटन रीजन बताया जा रहा है कि सड़क तैयार करने के लिए कई दिनों से ब्लास्टिंग की जा रही है लेकिन शुक्रवार दोपहर को इस काम में कुछ तकनीकी गड़बड़ी आ गई थी। इलेक्ट्रानिक डेटोनेटर ठीक से नहीं लगने से कई मिस्ड फायर हुए। बारुदी धमाकों से पत्थर उड़कर 400 मीटर तक दूर जा गिरे। लोगों के घरों पर भी पत्थर गिरे जिससे टूटफूट हुई। कई गाड़ियां भी टूटीं।
इससे ग्रामीण आक्रोशित हो उठे और रास्ता जाम कर दिया। लोगों ने थाने का घेराव भी कर दिया। डीएसपी उमाकांत चौधरी, एसडीएम चरणजीत सिंह हुड्डा, नायब तहसीलदार यशदीप रावत के साथ ही एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बांझल और निर्माण एजेंसी के अधिकारी भी थाने आ पहुंचे। यहां ग्रामीणों ने लिखित आवेदन दिया।
इधर निर्माण एजेंसी के प्रोजेक्ट इंचार्ज नागेश्वर राव ने आरोप लगाया कि लोगों ने दफ्तर में कई कर्मचारियों को बुरी तरह पीटा है। एचआर धीरज कुमार को बहुत मारा और मेरे केबिन में आकर डीजल डालकर जिंदा जलाने की धमकी दी। निर्माण एजेंसी का कहना है कि उचित सुरक्षा व्यवस्था मिलने तक काम बंद रखेंगे।
एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सोमेश बांझल ने बताया कि ब्लास्टिंग में तकनीकी गड़बड़ी आने से पत्थर घरों पर गिरे लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ है। जिनको नुकसान हुआ है, उन्हें नियमानुसार मुआवजा देंगे। बताया जा रहा है कि ब्लास्टिंग में कुछ ग्रामीण घायल भी हुए हैं। गुस्साए ग्रामीणों ने निर्माण एजेंसी पर प्रकरण दर्ज करने की मांग की है। डीएसपी उमाकांत चौधरी ने बताया कि नेशनल हाईवे के अधिकारियों ने नुकसान की भरवाई करने का आश्वासन दिया है।