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डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र करना होगा जमा
आपको बता दें कि, कोरोना काल के कारण ईपीएफओ मुख्यालय द्वारा जीवन प्रमाण पत्र से जुड़े नियमों में अक्टूबर 2020 में मामूली बदलाव किये थे। नई गाइडलाइन जारी करते हुए विभाग ने एक नवंबर को जीवन प्रमाण पत्र देने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। अधिकारियों के अनुसार, पिछले जीवन प्रमाण पत्र की जारी तारीख से उसकी वैधता सिर्फ साल थी। इसके पीछे वजह ये थी कि, एक नवंबर को प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होता था। ऐसे में कार्यालय और बैंकों में भीड़ को नियंत्रित रखे जाने के लिये ये नया बदलाव किया गया है। यही नहीं ईपीएफओ द्वारा बैंकों-पोस्ट ऑफिसों को भी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश दे दिए हैं।
नहीं बढ़ी आखिरी तारीख
कोरोना संक्रमण के कारण ही ईपीएफओ विभाग की ओर से जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए 1 नवंबर से 28 फरवरी तक का समय दिया था। मगर बीते दिनों पेंशनर्स एसोसिएशन ने इसकी मियाद बढ़ाने की मांग की, लेकिन ईपीएफओ के दिल्ली मुख्यालय द्वारा अब तक किसी तरह का अपडेट जारी नहीं किया है, जिसके चलते अधिकारियों का मानना है कि, अंतिम तारीख में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है।
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अधिकांश ने दिया प्रमाण पत्र
अगर बात की जाए इंदौर जिले के अंतर्गत आने वाले पेंशन धारकों की तो यहां के जिला कार्यालय में अब तक 48 हजार पेंशनधारक जीवन प्रमाण पत्र जमा कर चुके हैं। हालांकि, जिले में कुल 70 हजार पेंशनधारक पंजीकृत हैं। 1 नवंबर से 25 फरवरी तक 48 हजार से ज्यादा पेंशनधारकों ने बैंक-डाकघर में जाकर जीवित होने का प्रमाण पत्र दे दिया है। इस हिसाब से करीब 80 प्रतिशत पेंशनार्थी प्रक्रिया पूरी कर चुके हैं।
घर पहुंच सुविधा भी
विभाग द्वारा बैंकों और डाकघर में जाकर जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की सुविधा दी है। मगर बुजुर्गों का भी ध्यान रखा गया है, जिन्हें चलने-फिरने में दिक्कत आती है। इनके लिए जीवन प्रमाण पत्र की सुविधा घर तक पहुंचाने का काम किया है। ये सुविधा डाक विभाग द्वारा दी गई है। डाक विभाग की वेबसाइट और मोबाइल एप के जरिए आवेदन करना है। 48 घंटों में डाककर्मी घर आकर जीवन प्रमाण पत्र की प्रक्रिया पूरी करेगा। बस, इसके लिए पेंशनधारकों को 70 रुपये शुल्क देना होंगे।
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