patrika raksha kavach: जागरूकता की कमी सायबर ठगी बढ़ा रही है। रिटायर्ड कर्मचारी, सीनियर सिटीजन बड़ी संख्या में शिकार हो रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट के बाद अब ठग निवेश के नाम पर जेबें खाली कर रहे हैं। प्रदेशभर में ऐसी कई वारदात हुईं, जहां बुजुर्ग निशाने पर रहे। तकनीकी समझ कम होने से बड़ी संख्या में बुजुर्ग अपनी पूंजी से हाथ धो बैठे।
ताजा मामला इंदौर का है, जहां दो रिटायर्डकर्मी शिकार बने। निवेश के नाम ठगों ने पहले बीएसएनएल अफसर से 1.04 करोड़ ऐंठे, रिटायर्ड बैंक मैनेजर से 7.59 लाख ठगे। हालांकि पुलिस ने ठगों के खाते फ्रीज करके 30 लाख रुपए रिकवर कर लिए।
ठगी के ऐसे मामलों ने बढ़ाई चिंता
भोपाल के अरेरा कॉलोनी निवासी 69 साल के बुजुर्ग को इंश्योरेंस का मैच्योरिटी अमाउंट दिलाने का झांसा देकर 22 अक्टूबर 2024 को ठगों ने 35 लाख रुपए का चूना लगाया। इंदौर में 70 साल के बुजुर्ग को ठगों ने पुलिस अधिकारी बताते हुए 29 अक्टूबर 2024 को कॉल किया। गिरफ्तारी का डर दिखाकर 40 लाख रुपए हड़प लिए। जबलपुर के 70 वर्षीय बुजुर्ग से 70 लाख रुपए की ठगी हुई। एक युवती ने 12 दिसंबर 2024 को फोन कर जाल में फंसाया। बदनाम करने की धमकी दे रुपए ऐंठे।
उज्जैन में घर में काम करने वाली नौकरानी ने बुजुर्ग ज्योतिषी को जाल में फंसाया। सेक्सटॉर्सन के नाम 3 करोड़ रुपए ऐंठ लिए। 28 दिसंबर को मामला पुलिस तक पहुंचा।
1.04 करोड़ के निवेश के बाद संपर्क खत्म कर दिया। इंदौर क्राइम ब्रांच डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि ठगों के ट्रांजेक्शन वाले अकाउंट फ्रीज कराकर 25 लाख रुपए रिकवर किए गए।
केस-1
टेलीकॉम अफसर से एक करोड़ ठगे
बीएसएनएल के रिटायर्ड अफसर को सायबर ठगों ने रातोंरात पैसे दोगुना करने का सपना दिखाकर एक करोड़ रुपए ठग लिए। शेयर ट्रेडिंग के नाम हुई धोखाधड़ी का सिलसिला एक व्हाट्सऐप मैसेज से शुरू हुआ। ब्रोकरेज कंपनी के नाम पर ईशानी मेहता और असिस्टेंट अर्जुन हिंदुजा नामक ठगों ने कॉल किया। दोनों ने मार्केट से 15 दिन में 100 प्रतिशत मुनाफा कमाने की बात कही। एक माह का मुफ्त वीआइपी सर्विस का झांसा देकर डीमेट अकाउंट खोलवा कर 5 हजार के निवेश से शुरुआत कराई।1.04 करोड़ के निवेश के बाद संपर्क खत्म कर दिया। इंदौर क्राइम ब्रांच डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि ठगों के ट्रांजेक्शन वाले अकाउंट फ्रीज कराकर 25 लाख रुपए रिकवर किए गए।