इंदौर

स्मोकिंग जितनी ही खतरनाक होती है पैसिव स्मोकिंग

इंटरनेशनल नो स्मोकिंग डे आज

इंदौरMar 13, 2019 / 03:10 pm

हुसैन अली

स्मोकिंग जितनी ही खतरनाक होती है पैसिव स्मोकिंग

इंदौर. तंबाकू के सेवन से होने वाले भयावह दुष्परिणाम से हर कोई वाकिफ है। अवेयरनेस प्रोग्राम और कैंपेन के बावजूद भी युवा सिगरेट की लत नहीं छोड़ पा रहे हैं। 13 मार्च को इंटरनेशनल नो स्मोकिंग डे मनाया जा रहा है। इसे लेकर हमने शहर के विशेषज्ञों से बात की।
हर 3 से 4 मरीज स्मोकिंग से होने वाले कैंसर के
इएनटी विशेषज्ञ डॉ. सुबीर जैन ने बताया की शहर के हर क्लिनिक पर 3 से 4 मरीज स्मोकिंग से होने वाले कैंसर जिसमें वॉइस बॉक्स कैंसर, ओरल केविटी कैंसर, लंग्स कैंसर के मरीज सबसे ज्यादा होते हैं। पैसिव स्मोकिंग डायरेक्ट स्मोकिंग जैसी ही खरतनाक है। जब भी पब्लिक प्लेस पर कोई आपके पास स्मोक करें तो इसका विरोध करना चाहिए।
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50 प्रतिशत युवाओं की मृत्यु समय से पूर्व
आइएमए के राष्ट्रीय कैंसर एवं तम्बाकू नियंत्रण कमिटी के नेशनल चैयरमैन डॉ.दिलीप आचार्य ने बताया कि इंडियन काउंसलर मेडिकल रिसर्च के अनुसार जो युवा सिगरेट पी रहे हैं उनमें ५० प्रतिशत की मृत्यु तंबाकू के कारण होगी। सिगरेट पीने वाले युवा तय उम्र से पांच से सात साल कम जीवन जी पाएंगे। इसके अलावा ई-सिगरेट से सर्तकता बरतने की जरूरत है। बच्चों को इससे बचाने का प्रयास हो।
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30% सीने की बीमारियों का कारण स्मोकिंग
मनोरमा राजे शय चिकित्सालय के अधीक्षक अतुल खराटे ने बताया कि हमारे पास सीने से जुड़ी बीमारियों के जो पेशेंट आते हैं उनमें से ३० प्रतिशत पेशेंट वो होते हैं जो स्मोकिंग करते थे। मैंने देखा है कि जो लोग ओपीडी में हमें यही कहते हैं कि मैं धीरे-धीरे कर स्मोकिंग छोड़ दूंगा उनमें से केवल दस प्रतिशत लोग ही स्मोकिंग छोड़ पाते है।
इन उपायों की जरूरत है शहर में
. सिगरेट, बीडी की बिक्री पर रोक लगे
. धुम्रपान से संबंधित उत्पादों पर भारी टैक्स लगे
. बार व पब में हुक्का और स्मोकिंग पूरी तरह से निषेध हो
. पब्लिक प्लेस में स्मोकिंग पर सख्त एक्शन लिया जाए
. धुम्रपान से संबंधित उत्पाद 18 साल से कम के बच्चों की पहुंच में ना हो

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