मौजूदा स्थिति को देखते हुए दीपावली की छुट्टियों में उज्जैन का ट्रैफिक और अधिक होगा। निजी वाहनों में कार व बाइक से जाने वालों की संख्या अधिक है। निजी वाहनों का ट्रैफिक बढ़ने से उज्जैन तक की करीब 60 दूरी किमी तय करने में बसों को 30 मिनट ज्यादा लग रहे हैं। बसों में उपलब्ध सीटों से ज्यादा सवारियां होने से लोग परेशान भी हो रहे हैं। मालूम हो, इंदौर से उज्जैन के लिए 100 से अधिक बसें हैं। हर पांच मिनट में बसें मिल जाती हैं। लोकल के अलावा लंबे रूट की ट्रेनों में भी यात्रियों की संख्या बढ़ी है।
महाकाल लोक का अलौकिक भ्रमण
उज्जैन से दर्शन कर लौटे श्रद्धालुओं ने महाकाल लोक के भ्रमण को स्वर्ग लोक जैसा बताया। महाकाल दर्शन कर लौटे टीकमगढ़ निवासी अखिलेश तिवारी ने बताया कि पहले भी महाकाल दर्शन करने आए हैं, लेकिन इस बार का आनंद अनूठा रहा। बाबा के दर्शन के साथ अलौकिक महाकाल लोक के भ्रमण जैसा आनंद और कहीं नहीं है। महाकाल लोक में प्रवेश करते ही देवलोक के भ्रमण की अनुभूति होती है। दुश्यंत कुशवाह ने बताया कि महाकाल लोक जैसा स्थान और कहीं नहीं है।
उज्जैन से दर्शन कर लौटे श्रद्धालुओं ने महाकाल लोक के भ्रमण को स्वर्ग लोक जैसा बताया। महाकाल दर्शन कर लौटे टीकमगढ़ निवासी अखिलेश तिवारी ने बताया कि पहले भी महाकाल दर्शन करने आए हैं, लेकिन इस बार का आनंद अनूठा रहा। बाबा के दर्शन के साथ अलौकिक महाकाल लोक के भ्रमण जैसा आनंद और कहीं नहीं है। महाकाल लोक में प्रवेश करते ही देवलोक के भ्रमण की अनुभूति होती है। दुश्यंत कुशवाह ने बताया कि महाकाल लोक जैसा स्थान और कहीं नहीं है।
तीन से चार राउंड
एक बस तीन से चार बार उज्जैन का राउंड लगा रही है। बताया गया है कि इंदौर से बसों से ही रोजाना लगभग एक लाख श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। उज्जैन के लिए सभी बसें खचाखच जा रही हैं। सामान्य दिनों में 50 हजार सवारियों का ट्रैफिक रहता है।
एक बस तीन से चार बार उज्जैन का राउंड लगा रही है। बताया गया है कि इंदौर से बसों से ही रोजाना लगभग एक लाख श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। उज्जैन के लिए सभी बसें खचाखच जा रही हैं। सामान्य दिनों में 50 हजार सवारियों का ट्रैफिक रहता है।