नुतेश गुप्ता निवासी सूर्यदेव नगर ने बताया बेटी ओजस्वी गुप्ता से 14 सितंबर की रात फोन पर बात हुई। 15 सितंबर की शाम एनआइटी प्रबंधन ने सूचना दी कि बेटी हॉस्टल से लापता है। उन्हें त्रिची स्थित थाने में केस दर्ज कराने की अनुमति दी। फिर पता चला कि 15 सितंबर की सुबह 6.57 बजे से उसका मोबाइल स्विच ऑफ है। जो अब तक ऑन नहीं हुआ है। बेटी को 10 अगस्त को कॉलेज में एमसीए प्रथम वर्ष में एडमिशन दिलाया था। वहां की पुलिस ने तमिल भाषा में रिपोर्ट दर्ज कर मोबाइल पर भेजी है। उसमें कुछ समझ नहीं आ रहा है। परिवार के तीन सदस्य वहां बेटी को तलाश रहे हैं। पुलिस ने आसपारा के जिले में पोस्टर लगाए हैं कॉलेज में लगे कैमरे में बेटी आखिरी बार दिखी थी।
पिता नुतेश गुप्ता का कहना है कि उन्हें बेटी के कमरे से पत्र मिला है। इसमें लिखा है कि पुरुष प्रधान समाज में रहना आसान नहीं है। बाद में जानकारी मिली है कि बेटी को कक्षा प्रतिनिधि बनाया गया था। दो सेक्शन में बंटी कक्षा में 90 छात्र में से केवल 18 लड़कियां हैं। आरोप है कि कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों को बेटी का प्रतिनिधि बनना अच्छा नहीं लगा। प्रबंधन ने स्थानीय थाने में चौकीदार की ओर से केस दर्ज करवा दिया। जिस स्थान पर कॉलेज कैंपस है वह त्रिची शहर से इंदौर-पीथमपुर जितनी दूरी पर है।