अभिभाषक वैभव बंसल के मुताबिक, जो लोग स्कूल के खिलाफ आरोप लगा रहे हैं, उन्हें धमकाया जा रहा है। चुप रहने के साथ ही बच्चों को फेल करने जैसे संंदेश पालकों तक पहुंचाए जा रहे हैं, ताकि वे कार्रवाई न करें।
बस हादसे की जांच कर रही पुलिस टीम ने सोमवार को 3-4 टीचरों के बयान लिए। इन्होंने पहले बस के ज्यादा स्पीड में होने की बात कही। जांच अधिकारी जयंतसिंह राठौर ने मामले में डीपीएस प्राचार्य सुदर्शन सोनार के बयान के लिए मंगलवार को तलब किया है। पूर्व में भी सोनार को लसूडिय़ा थाने बुलाकर स्कूल प्रबंधन में जिम्मेदारियों की जानकारी लेकर आने के लिए कहा था। सोमवार को उन टीचरों को बयान के लिए लसूडिय़ा थाने बुलाया जो हादसे के तुरंत बाद मौके पर पहुंची थीं।
बस हादसा होने के बाद बच्चों की सुरक्षा के मुद्दे पर कलेक्टर द्वारा शहर के सभी स्कूलों में बच्चों को लाने ले जाने वाली रिक्शा, वैन और मैजिक गाड़ी बंद करने के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। जस्टिस पीके जायसवाल और जस्टिस वीरेन्दर सिंह की कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता मनोज द्विवेदी ने जानकारी दी कि इस संबंध में दिया गया आदेश वापस ले लिया गया है। वैकल्पिक व्यवस्था के लिए तीन माह का समय दिया गया है।
प्रशासन ने डीपीएस के अभिभावकों को बुलाया
जांच अधिकारी अपर कलेक्टर ने मंगलवार को डीपीएस के अभिभावकों को बयान के लिए बुलाया है। इसमें मृतक और घायल बच्चों के साथ ही अन्य अभिभावक भी अपनी बात रख सकते हैं। प्रशासन द्वारा डीपीएस बस हादसे की जांच की जा रही है। अपर कलेक्टर रुचिका चौहान द्वारा की जा रही जांच में सोमवार को स्कूल से जब कागजों को खंगाला गया। पुलिस व आरटीओ अधिकारियों से चर्चा की घटना की परिस्थियों की जानकारी ली गई।