इंदौर. शहर में पहला दिव्यांग गार्डन बनाया जा रहा है। सुखलिया क्षेत्र में यह गार्डन तैयार हो रहा है। इसमें सारी खेल गतिविधियां, संसाधन व सुविधाएं दिव्यांगजन के हिसाब से ही रहेंगीं। उनके आसानी से घूमने के लिए जहां टिक-टाक टाइल्स लगाई जाएगी, वहीं कई प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे। इनकी जानकारी ब्रेल लिपि द्वारा मिलेगी। इसके अलावा अन्य कई व्यवस्थाएं गार्डन में रहेंगीं।
एक तरफ जहां शहर में उजाड़ और अव्यवस्थित पड़े सरकारी उद्यानों की हालत सुधारने की प्लानिंग की जा रही है, वहीं शहर में एक ऐसा गार्डन बनाया जा रहा है, जो पूरी तरह दिव्यांगों के लिए ही होगा। नगर निगम के जोन-5 सुखलिया क्षेत्र के वार्ड-22 हीरा नगर में यह तैयार किया जा रहा है। पिछले दिनों इसका काम शुरू किया गया, लेकिन ठेकेदार एजेंसी के ढीलपोलभरे रवैये के चलते अटक गया। ठेकेदार ने सिर्फ बाउंड्री वॉल बनाई और काम अधूरा छोड़ दिया। निगम ने नोटिस दिया, लेकिन ठेकेदार ने काम शुरू नहीं किया।
निगम उद्यान विभाग ने ठेका निरस्त कर दूसरी बार टेंडर जारी कर दिया है, ताकि अधूरे पड़े गार्डन का काम फिर से शुरू हो सके। दिव्यांगजन के हिसाब से गार्डन बनाने पर निगम 85 लाख रुपए खर्च करेगा। पहले चरण में 55 लाख रुपए के काम होंगे। इसमें बाउंड्री वॉल निर्माण, पेवर्स ब्लॉक लगाने, गेट निर्माण और इलेक्ट्रॉनिक आदि का काम होगा। बाकी काम दूसरे चरण में करेंगे। गार्डन में सारी गतिविधियां और सुविधा दिव्यांगों के हिसाब से ही होंगी। उपकरण ऐसे लगाए जाएंगे, जिनका उपयोग दिव्यांग आसानी से कर सकें। निगम अफसरों के अनुसार जहां गार्डन बन रहा है, वहां से 500 मीटर दूरी पर ही दिव्यांगों का स्कूल और छात्रावास है। इसको ध्यान में रखकर यह गार्डन तैयार किया जा रहा है।
प्रदेश में दूसरा उद्यान सुखलिया क्षेत्र में जो दिव्यांग गार्डन बन रहा, वह शहर का पहला और प्रदेश का दूसरा गार्डन होगा। उज्जैन में दिव्यांग गार्डन बनाया गया है। इसी तर्ज पर इंदौर में भी तैयार किया जा रहा है।
ये सुविधाएं होंगी गार्डन में… टिक-टाक टाइल्स किड्स जोन हाइपर सेंसिटिविटी अरोमा सेंसर पार्क साउंड सिस्टम चिट-चैट हॉल मेडिटेशन डेक ओपन जिम दिव्यांग इस तरह कर पाएंगे उपयोग
– टिक-टाक टाइल्स द्वारा दृष्टिहीन दिव्यांग अपनी छड़ी के सहारे आसानी से पार्क में घूम पाएंगे। – किड्स जोन में छोटे बच्चों के लिए झूलों की व्यवस्था रहेगी। – हाइपर सेंसिटिव एरिया बनाया जाएगा। इसमें अलग-अलग तरह के मटेरियल का इस्तेमाल करके जैसे-पत्थर, मिट्टी, बालू रेती और घास का पेज बनाया जाएगा। इस पर जब दिव्यांग चलेंगे तो उन्हें सेंसिटिविटी का अहसास होगा। इससे स्पर्श होने की शक्ति बढ़ेगी।
– अरोमा सेंसर पार्क में कई प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे। इनके बारे में एक बोर्ड पर ब्रेल लिपि में पौधों की सारी जानकारी होगी, जिसको स्पर्श करके दिव्यांगजन उस पौधे की जानकारी प्राप्त कर पाएंगे।
– साउंड सिस्टम पर मधुर संगीत बजाया जाएगा, जिससे सुनने की शक्ति बढ़ेगी। – चिट-चैट हॉल का निर्माण कर प्रसिद्ध लोगों की तस्वीरें लगाई जाएंगीं, जिनसे बच्चों को प्रेरणा मिले। – मेडिटेशन डेक का निर्माण किया जाएगा, ताकि यहां पर बैठकर मेडिटेशन किया जा सके।
– दिव्यांगजन के लिए ओपन जिम का निर्माण किया जाएगा, ताकि उनके शरीर का विकास हो सके।
– दिव्यांगजन के लिए ओपन जिम का निर्माण किया जाएगा, ताकि उनके शरीर का विकास हो सके।
ठेकेदार ब्लैक लिस्टेड दिव्यांग गार्डन बनाने का जिस ठेकेदार एजेंसी श्री श्री बालाजी एंड कंपनी को ठेका दिया गया था, उसको निगम ने ब्लैक लिस्टेड कर दिया है। एजेंसी संचालक प्रदीप कुमावत थे। ठेकेदार की मनमानी और काम को लेकर ढीलपोल रवैया अपनाने पर निगम ने यह कार्रवाई की। अब दूसरी बार जो टेंडर जारी किए गए हैं, उसमें गार्डन निर्माण को लेकर 180 दिन मियाद रखी गई है।
उज्जैन की तर्ज पर बनेगा निगमायुक्त के निर्देश पर सुखलिया क्षेत्र में दिव्यांगजन के लिए गार्डन बनाया जा रहा है। उज्जैन में बने गार्डन की तर्ज पर इसका निर्माण होगा। पिछले टेंडर निरस्त कर ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड किया है। दूसरी बार टेंडर जारी कर दिए हैं। इसी महिने टेंडर आएंगे और फिर काम शुरू होगा।
– दिलीप सिंह चौहान, सिटी इंजीनियर, उद्यान विभाग