तुलसी नगर रहवासी संघ की बैठक में विधयाक महेंद्र हार्डिया ने तीन दिन में तहसीलदार की एनओसी दिलाने का वादा तो कर दिया लेकिन उसमें काफी अड़चनें हैं। तुलसी नगर में कई एकड़ जमीन सरकारी है। जिस पर कालोनाइजर ने प्लाट काटकर बेच भी दिए। इसके चलते कालोनी का नियमितीकरण अटक गया है। अन्य विभागों से तो तुलसी नगर को एनओसी मिल चुकी है लेकिन तहसीदार से एनओसी नहीं मिल पा रही है जिसके कारण कालोनी का नियमितीकरण होना मुश्किल है। मंगलवार को बैठक में रहवासियों का आक्रोश देखकर विधयाक भडक़कर बैठक छोडक़र चले गए थे लेकिन बाद में रहवासियों ने मना लिया था। सरकारी जमीन के खसरे छोडक़र विधायक ने तहसीलदार की एनओसी दिलाने की घोषणा तो कर दी लेकिन वह नियमानुसार मिलना मुश्किल है। इधर संबंधित तहसीलदार अवकाश पर चले गए हैं।
एनओसी देने का ये हैं नियम जिस भी विभाग से एनओसी मांगी जाती है उसका तात्पर्य यह होता है कि वह जमीन उस विभाग की नहीं है। तुलसी नगर जिन खसरों पर काटी गई है उसमें कई एकड़ जमीन सरकारी है। ऐसे में तहसीलदार नियम विरूद्ध एनओसी इसलिए नहीं दे सकते हैं क्योंकि कालोनी में कई एकड़ जमीन सरकारी है। नियम विरूद्ध देने पर संबंधित अधिकारियों पर लोकायुक्त सहित अन्य कार्रवाई हो सकती है।
संभागायुक्त की रिपोर्ट में है सरकारी जमीन शिकायत के बाद जांच में स्पष्ट हुआ था कि तुलसी नगर में कई एकड़ सरकारी जमीन है। संभागायुक्त की रिपोर्ट में भी जमीन सरकारी बताई गई है। ऐसे में सरकारी जमीन को छोडक़र एनओसी देना मुश्किल ही है। जब कालोनाइजर शिव अग्रवाल पर एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी हो चुकी है। १४ आरोपी में से एक ही गिरफ्तार हुआ है।
नियमितीकरण का यह है नियम नगरीय विकास एवं आवास विभाग भोपाल ने नियमितीकरण को लेकर जो आदेश जारी किया है उसमें स्पष्ट कहा गया है कि मप्र नगरपालिका नियम १९९८ के नियम १५ क (दो) के अनुसार विकास योजना के मुख्य मार्ग, उद्यान, खेल के मैदान, सांस्कृतिक आस्तियों के क्षेत्र, नदी, तालाब, नाले तथा हरित क्षेत्र या आमोद-प्रमोद के क्षेत्र पर स्थित अवैध कालोनियों का नियमितीकरण नहीं किया जाएगा।
क्या कहते हैं अधिकारी – क्षेत्र के एसडीएम रवीश श्रीवास्तव ने कहा फिलहाल मुझे आए कुछ ही समय हुआ है। पूरी जानकारी नहीं है। फाइल देखने के बाद ही कुछ कह सकता हूं।
– तहसीलदार हरिशंकर विश्वकर्मा ने कहा मैं अवकाश पर हूं। मुझे प्रभार संभाले १५ दिन ही हुए हैं। ऐसे में कुछ नहीं कह सकता।