नवरात्र में गरबे और त्योहारी उत्साह ने इसे और आगे बढ़ाते हुए दुकानदारों को प्रोत्साहित किया है। बीआरटीएस पर अनुमति प्राप्त दुकानें मार्ग की रौनक बढ़ाते हुए नाइट इकोनॉमी (night life culture) शुरू होने का अहसास दे रही है। दुकानों के साथ ही आइटी, स्टार्टअप, बीपीओ के ऑफिसेस में भी हलचल शुरू हो गई है। क्योंकि, सुविधाएं शुरू होने से कंपनियों ने ज्यादा काम करना शुरू कर दिया है। इसका असर शहर की इकोनॉमी पर भी नजर आने लगा है। होटल्स भी आवेदन के साथ ट्रायल रन पर है। दीपावली के बाद 24 बाय 7 घंटे होटल्स खोलने की तैयारी में है।
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दुकानदारों का कहना है कि अभी ऑफिसेस का फुट फाल आ रहा है। त्योहारों के समय में दुकानें खुली रहेंगी तो आम लोगों की आवाजाही भी बढ़ेगी। प्रशासन और पुलिस को लोगों में विश्वास जताने के लिए सुरक्षा को लेकर प्रयास करना चाहिए। इसका प्रचार-प्रसार जरूरी है। हालांकि, इसके लिए दुकानदार को अनुमति के बाद भी व्यवस्थाएं जुटाना पड़ रही हैं। इसमें भी लोग रूके हुए हैं। बीआरटीएस के ऑफिसेस में नाइट वर्क कल्चर की शुरुआत जैसे-जैसे होगी, भीड़ रफ्तार पकड़ेगी। खाने-पीने वाली दुकानों की आय में 30 से 35 फीसदी इजाफा होने लगा है।
ट्रायल रन उत्साहजनक
होटल एसोसिएशन के सुमित सूरी का कहना है, होटल्स ने अपना समय बढ़ाया है। इसकी ट्रायल ले रहे हैं। नाइट में खुली रखने के लिए कर्मचारी व अन्य व्यवस्थाएं जुटा रहे हैं। कुछ ने रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया है। दिवाली बाद इस विंग में शुरुआत होगी।
नाइट वर्क कल्चर वाले ऑफिस खुलने लगे
वर्की और इन्वेस्ट इंदौर के सावन लड्ढा का कहना है, बीपीओ, आइटी कंपनियां व स्टार्टअप ने अब पश्चिमी देशों के प्रोजेक्ट लेना शुरू कर दिए हैं। इसका असर 40-50 कंपनियों पर दिख रहा है। आइटी वर्किंग जोन में चहल-पहल बढ़ गई है। एक-दो माह में संख्या और बढ़ेगी।
धीरे-धीरे आगे बढ़ रही गति
बिजनेस जोन में कैफे संचालक राजेश माहेश्वरी का कहना है, प्रशासन ने इसकी शुरुआत कर दी है। इसका प्रचार प्रसार बहुत जरूर है। दुकानदार रुचि ले रहे हैं। ऑफिसेस में भी स्ट्रेन्थ बढ़ने लगी है। ऐरेनाईट बिल्डिंग की रौकन अब पहले से ज्यादा हो गई है।