यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (यूजीसी) ने प्रमोशन ऑफ एकेडमिक इंटीग्रिटी एंड प्रिवेंशन ऑफ प्लेगरिज्म इन हायर एजुकेशन रेगुलेशन तैयार किया है। इसका मकसद रिसर्च सहित कॉलेज-यूनिवर्सिटी में होने वाले सभी लेखन संबंधी कार्यों में नकल की आशंका खत्म करना है। यूजीसी ने छात्रों और फैकल्टी के लिए प्लेगरिज्म में चार चरण निर्धारित किए है। इन चरणों के तहत अलग-अलग कार्रवाई की जाएगी। यूजीसी की इस पहल से सबसे ज्यादा मुसीबत फैकल्टी के लिए नजर आ रही है। यूजीसी ने स्पष्ट किया है, फैकल्टी या छात्रों के प्रोजेक्ट, एमफिल की थिसिस, पीएचडी की थिसिस, मेजर-माइनर प्रोजेक्ट, निबंध आदि किसी भी आर्टिकल में प्लेगरिज्म होने पर कार्रवाई होगी। नए रेगुलेशन पर यूजीसी ने ३० सितंबर तक प्रतिक्रिया मंगवाई है। उच्च शिक्षा व रिसर्च की गुणवत्ता सुधारने के लिए माना जा रहा है, अगले ही सत्र से ये नियम लागू हो जाएंगे।
ईमानदारी का सबक
नैतिकता व मौलिकता को लेकर यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटी के लिए ईमानदारी का पाठ पढ़ाना भी अनिवार्य कर दिया है। अगले सत्र से सभी यूनिवर्सिटी के सिलैबस में नकल रोकने को लेकर खास टॉपिक शामिल किए जाएंगे। शिक्षाविद् मंगल मिश्र ने बताया, इस कदम से मौलिक रिसर्च या लेखन ही कर पाएंगे। जिन बिंदुओं पर रिफरेंस की जरूरत है उसके लिए भी ऑथर की अनुमति अब जरूरी रहेगी।
नैतिकता व मौलिकता को लेकर यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटी के लिए ईमानदारी का पाठ पढ़ाना भी अनिवार्य कर दिया है। अगले सत्र से सभी यूनिवर्सिटी के सिलैबस में नकल रोकने को लेकर खास टॉपिक शामिल किए जाएंगे। शिक्षाविद् मंगल मिश्र ने बताया, इस कदम से मौलिक रिसर्च या लेखन ही कर पाएंगे। जिन बिंदुओं पर रिफरेंस की जरूरत है उसके लिए भी ऑथर की अनुमति अब जरूरी रहेगी।
अभी 30% पर छूट
एमफिल व पीएचडी की थिसिस में नकल को रोकने के लिए कुछ साल पहले ही नियम बनाए थे। यूजीसी ने सभी थिसिस में ३० फीसदी तक का कंटेंट किसी अन्य थीसिस से मिलान होने तक की छूट दी थी। यूनिवर्सिटी में हो रही ज्यादातर रिसर्च में भी औसतन 20 से 25 फीसदी तक कंटेंट समान पाया जाता है। नए नियमों में 10 फीसदी तक का कंटेंट ही मान्य हो पाएगा।
एमफिल व पीएचडी की थिसिस में नकल को रोकने के लिए कुछ साल पहले ही नियम बनाए थे। यूजीसी ने सभी थिसिस में ३० फीसदी तक का कंटेंट किसी अन्य थीसिस से मिलान होने तक की छूट दी थी। यूनिवर्सिटी में हो रही ज्यादातर रिसर्च में भी औसतन 20 से 25 फीसदी तक कंटेंट समान पाया जाता है। नए नियमों में 10 फीसदी तक का कंटेंट ही मान्य हो पाएगा।
छात्र व रिसर्चर के लिए
10 परसेंट प्लेगरिज्म पर कोई कार्रवाई नहीं (कोर विषय में जीरो टॉलरेंस पॉलिसी होगी)
10 से 40 परसेंट पर कोई अंक नहीं, ६ महीने में दोबारा प्रोजेक्ट या थीसिस देना होगी।
40 से 60 परसेंट पर सालभर में दोबारा प्रोजेक्ट या थीसिस देना होगी।
60 फीसदी से ज्यादा होने
पर दो साल में नया प्रोजेक्ट या थीसिस देना होगी।
शिक्षकों के लिए
10 से 40 प्रतिशत प्लेगरिज्म में एक वेतनवृद्धि रूकेगी।
एक साल तक पेपर पब्लिकेशन पर भी रोक।
40 से 60 प्रतिशत प्लेगरिज्म में दो वेतनवृद्धि रूकेगी। दो साल तक रोक।
60 प्रतिशत से ज्यादा पर तीन वेतनवृद्धि रूकेगी। तीन साल तक पढ़ाने और रिसर्च पर रोक।
60 से ज्यादा की गलती दोहराने पर सेवा समाप्त। (समिति जांच करने के बाद कार्रवाई करेगी)
10 परसेंट प्लेगरिज्म पर कोई कार्रवाई नहीं (कोर विषय में जीरो टॉलरेंस पॉलिसी होगी)
10 से 40 परसेंट पर कोई अंक नहीं, ६ महीने में दोबारा प्रोजेक्ट या थीसिस देना होगी।
40 से 60 परसेंट पर सालभर में दोबारा प्रोजेक्ट या थीसिस देना होगी।
60 फीसदी से ज्यादा होने
पर दो साल में नया प्रोजेक्ट या थीसिस देना होगी।
शिक्षकों के लिए
10 से 40 प्रतिशत प्लेगरिज्म में एक वेतनवृद्धि रूकेगी।
एक साल तक पेपर पब्लिकेशन पर भी रोक।
40 से 60 प्रतिशत प्लेगरिज्म में दो वेतनवृद्धि रूकेगी। दो साल तक रोक।
60 प्रतिशत से ज्यादा पर तीन वेतनवृद्धि रूकेगी। तीन साल तक पढ़ाने और रिसर्च पर रोक।
60 से ज्यादा की गलती दोहराने पर सेवा समाप्त। (समिति जांच करने के बाद कार्रवाई करेगी)