ये है पूरा मामला
आगर जिले नलखेड़ा के पास भसोदा गांव की रहने वाली लिपाक्षी पाटीदार नाम की छात्रा का सपना है कि वो डॉक्टर बने और इसी सपने को साकार करने के लिए वो दिनरात मेहनत कर रही है। उसने जुलाई में हुआ NEET का एक्जाम भी दिया था लेकिन जैसे ही बीते हफ्ते 7 सितंबर को एक्जाम का रिजल्ट आया तो लिपाक्षी के डॉक्टर बनने के सपने पर बेड़ियां लग गईं। रिजल्ट देखकर लिपाक्षी हैरान रह गई क्योंकि उसे एक्जाम में 0 नंबर मिले थे। उसे रिजल्ट पर यकीन नहीं हुआ। छात्रा लिपाक्षी का कहना है कि उसने 200 में 161 प्रश्न हल किए थे और उसे उम्मीद थी कि उसके 600 से ज्यादा नंबर आ सकते हैं। उसकी OMR शीट बिल्कुल ब्लैंक थी। बता दें कि लिपाक्षी एक होशियार छात्रा है जिसके 10वीं में 87 व 12वीं में 80% बने हैं और 12वीं के एक्जाम में उसे सभी विषयों में डिस्टिंक्शन मिला है। इतना ही नहीं उसने NEET की परीक्षा के लिए कोटा में कोचिंग कर तैयारी भी की थी।
जानिए क्यों हैं परीक्षा में गड़बड़ी की आशंका
लिपाक्षी को रिजल्ट में 0 नंबर मिलने के बाद जब उसने अपनी ओएमआर शीट (OMR SHEET) देखी तो OMR शीट ब्लैंक थी जबकि लिपाक्षी ने 161 प्रश्न हल किए थे। इतना ही नहीं लिपाक्षी ने ये भी बताया कि एग्जाम के दिन के दस्तावेज उसने डाउनलोड किए तो उसमें अंतर दिखा। छात्रा का कहना है कि एग्जाम सेंटर के पर्यवेक्षकों ने दो घंटे के अंतराल में साइन किए थे, लेकिन मेरी शीट पर दोनों का समय समान है। बॉक्स में मैं अंगूठा भी लगाया था तो वह बॉक्स की लाइन पर आ गया था। जो शीट डाउनलोड किया उसमें अंगूठा ठीक बीच में लगा हुआ है। साइन भी कॉपी की हुई लग रही है।
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कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, फिर तैयारी में जुटी
परीक्षा में गड़बड़ी की आशंका के चलते एक तरफ जहां लिपाक्षी ने हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया है और मांग की है कि हाई लेवल कमेटी बनाकर असल दस्तावेज की जांच की जाए। लिपाक्षी को आशंका है कि इसमें कुछ फर्जीवाड़ा हुआ है और उनकी OMR शीट बदल दी गई है।वहीं दूसरी तरफ डॉक्टर बनने के अपने सपने को साकार करने के लिए दोबारा नीट परीक्षा की तैयारी में जुट गई है। उसका कहना है कि कोर्ट से न्याय मिलने में वक्त लग सकता है ऐसे में यह साल तो खराब हो ही जाएगा लेकिन अगला साल खराब न हो इसलिए वह NEET की एग्जाम की तैयारी दोबारा करेंगी।