वार्ड चुनाव लडक़र पार्षद बनने का सपना कांग्रेस के कई नेताओं ने देखा। साथ ही पंजा निशान पर चुनाव लडऩे के लिए दमदारी से टिकट पाने को लेकर दावेदारी भी की, लेकिन नगर निगम चुनाव प्रत्याशी चयन समिति में शामिल बड़े नेताओं की पसंद और नापंसद के चलते ऐसे कई नेताओं को किनारे कर दिया गया, जो दमदारी से चुनाव लड़ सकते थे। इतना ही नहीं, नाम वापसी के दिन ऐन वक्त पर प्रत्याशी बदल दिए गए। इससे नाराज कई कांग्रेसी पार्टी के खिलाफ बगावत का झंडा उठाकर चुनावी रण में उतर गए। शहर के 85 में से अधिकतर में बागियों के चुनाव लडऩे के कारण कांग्रेस के हाथ-पैर फूल गए, क्योंकि बागी पार्टी प्रत्याशियों के लिए मुसीबत बन गए।
कांग्रेस ने कई नेताओं के हाथ-पैर जोडक़र जहां बैठा दिया, वहीं कई वार्ड में नेताओं को नहीं मना पाए और वे पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें वार्ड-2 से फातिमा रफीक खान, वार्ड-19 से रेखा अशोक जाधव, वार्ड-51 से संतोष यादव, वार्ड-55 से क्षमा मुकेश जैन, वार्ड-26 से विकास जाटवा, वार्ड-56 से धनराज घाटे, वार्ड-39 में तस्लीम वाहिद अली और वार्ड-41 से जय वर्मा शामिल हैं। बागियों को बल कांग्रेसी ही दे रहे हैं। इस कारण इन वार्डों में कांग्रेस के घोषित प्रत्याशियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
ऐसे में उन्होंने शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल के आगे बागियों का कुछ करने की गुहार लगाई है, जो अभी तक बागियों को पार्टी से बाहर निकालने की हिम्मत नहीं जुटा पाए हैं। कार्रवाई न करने को लेकर बाकलीवाल कठघरे में हैं, जबकि बागियों को पार्टी से बाहर न करने को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ तक नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। इतना ही नहीं, बागियों के न बैठने पर उन्होंने उन नेताओं को भविष्य में इसका खामियाजा भुगतने तक की चेतावनी दी है, जिनके समर्थक और करीबी बगावत कर चुनाव लड़ रहे हैं।
किस बागी के पीछे कौन बागियों में से दो-तीन पार्टी के बड़े नेताओं के खास हैं। इनमें वार्ड-55 से चुनाव लडऩे वाली क्षमा जैन पूर्व विधायक अश्विन जोशी के समर्थक मुकेश जैन की पत्नी हैं, वहीं वार्ड-41 से चुनाव लडऩे वाले जय वर्मा वरिष्ठ विधायक सज्जन सिंह वर्मा के भतीजे हैं। इसके अलावा वार्ड-51 में संतोष यादव पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल के करीबी हैं। वार्ड-26 से विकास जाटवा को कांग्रेस के मंडलम् और सेक्टर प्रभारियों का साथ मिल रहा है। वार्ड-39 में तस्लीम वाहिद अली पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव समर्थक हैं। वार्ड-56 से धनराज घाटे प्रदेश युवा कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष पिंटू जोशी के खास हैं। घाटे को पार्षद का टिकट पिंटू ने ही दिलाया था, लेकिन ऐन वक्त पर कट गया। वार्ड-2 में फातिमा रफीक खान को क्षेत्र के कई कांग्रेस नेताओं का पूरा समर्थन मिल रहा है। इन बागियों को चुनाव लडऩे के लिए कांग्रेसियों का बल सामने तो नहीं पर पर्दे के पीछे से जरूर मिल रहा है। इससे नुकसान पार्टी प्रत्याशी का होगा।