सार्वजनिक रूप से, घरों और दुकानों सहित अन्य प्रतिष्ठानों पर विराजे भगवान श्री गणेश का विसर्जन कल हो गया। बप्पा की 10 दिनी सेवा के बाद विसर्जन किया गया। जिन लोगों ने मिट्टी के गणेश की प्रतिमा विराजित की थीं, उन्होंने घर पर ही विसर्जन किया। इसके साथ ही मिट्टी की मूर्तियों का विसर्जन करने के लिए निगम ने पर्यावरण हितैषी कुंड भी बनाए थे। इनमें बड़ी संख्या में लोगों ने विसर्जन किया। इसके साथ ही शहर के विभिन्न स्थानों पर प्रतिमा का एकत्रिकरण निगम ने किया। कल सुबह 10 बजे से आज सुबह 10 बजे तक प्रतिमा एकत्रित की गईं। इन प्रतिमाओं को आज विसर्जित करने से पहले निगम ने एक भव्य चल समारोह फूटी कोठी चौराहा से निकाला। इसमें महापौर पुष्यमित्र भार्गव खुद प्रतिमा हाथ में लेकर निकले। उनके साथ एमआइसी मेंबर राजेंद्र राठौर, अश्विनी शुक्ल, निरंजन ङ्क्षसह चौहान, नंदकिशोर पहाडिय़ा, अभिषेक शर्मा आदि मौजूद थे।
चल समारोह में संत-महात्मा, बटुक, बैंड-बाजे, ढोल-ताशे आदि शामिल हुए। फूटी कोठी से चल समारोह निकलने के बाद प्रतिमाओं को विसर्जित करने के लिए जवाहर टेकरी पर खदान में भराए बारिश के पानी में मूर्तियों को पूरे विधि-विधान और पूजन के बाद सुबह 11 बजे से विसर्जित करना शुरू किया गया। इस बार प्रतिमा विसर्जन के लिए 6 हाइड्रोलिक जेट फ्लेटफॉर्म क्रेन तैयार की गईं। इसमें प्रतिमाओं को रखकर सीधे पानी में ले जाकर विसर्जित किया गया। गौरतलब है कि पिछले वर्ष श्रीगणेश प्रतिमाओं का विसर्जन निगम ने बड़ी लापरवाही के साथ किया था। इसको लेकर बड़ा बवाल मचा और जिम्मेदार अफसरों सहित कर्मचारियों पर कार्रवाई की गाज भी गिरी। इस बार पिछले वर्ष की तरह घटना न हो, इसके लिए इस बार व्यवस्था को बदल दिया गया। विसर्जन के समय अपर आयुक्त, 19 जोनल अफसर सहित अन्य अफसर व कर्मचारी मौजूद थे।