आवेदक दिलीप बुझानी आरोप लगाते हुए बताया कि आरटीआई एक्टिविस्ट संजय मिश्रा द्वारा उनके स्कूलों की मान्यता को लेकर ब्लैकमेल किया जा रहा था और धमकी दी जा रही थी कि पैसा नहीं दिया गया तो स्कूलों की मान्यता को खत्म करवा देगा।
महिला अधिकारी ने जांच खत्म करने के लिए मांगे पैसे
इसके बाद जिला परियोजना समन्वयक शीला मेरावी ने जांच को खत्म करने और आगे कोई शिकायत न करने की एवज में 10 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। फिर शिकायत की पुष्टि होने के बाद जाकर डील 4 लाख रुपए में हुई। शीला मेरावी को शुक्रवार को पहली किस्त के रूप में 1 लाख रुपए लेते हुए कार्यालय में पकड़ लिया गया। उनके खिलाफ भष्ट्राचार निवारण अधिनियम 2018 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।