बता दें कि धार स्थित भोजशाला में कोर्ट के आदेश के बाद भारतीय पुरातत्व विभाग की टीम ने सर्वे किया। सर्वे के दौरान संबंधित परिसर से 1700 से अधिक अवशेष जमीन से बरामद हुए हैं। इनमें मुख्य रूप से देवी-देवताओं की मूर्तियां, ढांचे, खंभे, दीवारें, भित्ति चित्र बड़ी संख्या में मिले हैं। दावा है कि ये सब परमार कालीन यानी 9 से लेकर 11वीं शताब्दी के बीच का निर्माण है। इस बीच एक गर्भगृह के पास 27 फीट लंबी दीवार भी मिली है जो पत्थर की जगह ईंटों से बनी है। इन्हीं अवशेषों का हवाला देकर जैन समाज ने दावा किया था मिलने वाली मूर्तियां जैन धर्म से जुड़ी हैं। साथ ही, उन्होंने भोजशाला परिसर को जैन गुरुकुल होने का दावा किया है।
यह भी पढ़ें- तेज रफ्तार ट्रेलर ने ऑटो को मारी टक्कर, भीषण हादसे में 4 की मौके पर मौत 2 गंभीर
यहां मिली जैन धर्म से जुड़ी मूर्तियां और शिला
कमाल मौला दरगाह से सटी दीवार से लगा गोमुख और भीतर बावड़ी, कुरान की आयतें लिखे शिलालेख और जैन धर्म से जुड़ी मूर्तियां और शिलाएं भी मिली हैं। एएसआई भोजशाला के 50 मीटर के दायरे में सर्वे किया। क्योंकि, अब सर्वे कार्य पूरा हो चुका है। सर्वे और खुदाई के दौरान सैकड़ों अवशेष मिले। इसमें हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां, खंभे, भित्ति चित्र तो मिले ही हैं। इसके अलावा, कई जगहों पर इस्लामिक धर्म ग्रंथ कुरान की आयतें लिखे शिलालेख भी मिले हैं।जैन समाज का दावा
धार भोजशाला किसकी, इसकी जानकारी जुटाने के लिए एएसआई का सर्वे पूरा हो गया है। इधर, सर्वे के दौरान खुदाई में सामने आ रही सामग्री और तथ्यों को देखते हुए अब जैन समाज ने भी इस पर अपना दावा ठोंक दिया है। जैन समाज ने भोजशाला पर अपने अधिकार को लेकर इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका के माध्यम से भोजशाला में जैन गुरुकुल होने की बात कही गई है। यह भी पढ़ें- अब आपके शहर में कहीं नहीं दिखेंगे भीख मांगते हुए गरीब, भिक्षा देने वालों पर भी होगी सख्त एक्शन