परिवहन विभाग अब तक इस घोषणा को अमलीजामा पहनाने में नाकाम साबित हुआ है। विभाग को जुलाई सत्र की शुरुआत से ही इस योजना का लाभ छात्रों को देना था, लेकिन वित्तीय अनुमति नहीं मिलने की वजह से मंत्री की घोषणा अधर में ही अटकी हुई है। वहीं, बताया जा रहा है, आगामी दिनों में भी घोषणा पूरी होना मुमकिन नहीं है। उम्मीद है कि आगामी सत्र से जरूर ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ रहे छात्रों को फ्री बस पास मिल जाएंगे।
मार्च में घोषणा
छात्राओं को प्रदेश सरकार साइकिल मुहैया कराती है, लेकिन कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट्स के लिए कोई योजना नहीं थी। मार्च माह में एक नई योजना लाई, जिसके तहत कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट्स को फ्री बस पास दिए जाने थे। ये पास प्राइवेट बसों में भी लागू किया जाना प्रस्तावित है।
छात्राओं को प्रदेश सरकार साइकिल मुहैया कराती है, लेकिन कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट्स के लिए कोई योजना नहीं थी। मार्च माह में एक नई योजना लाई, जिसके तहत कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट्स को फ्री बस पास दिए जाने थे। ये पास प्राइवेट बसों में भी लागू किया जाना प्रस्तावित है।
७ लाख से ज्यादा बच्चे गांव में
यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले छात्रों के लिए लागू होगी। मार्च माह में गृह व परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने विधानसभा में यह घोषणा की थी। सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया कि ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र-छात्राएं भी उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित हो। ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे कॉलेज पढऩे वालों की संख्या सात लाख से अधिक है।
यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले छात्रों के लिए लागू होगी। मार्च माह में गृह व परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने विधानसभा में यह घोषणा की थी। सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया कि ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र-छात्राएं भी उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित हो। ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे कॉलेज पढऩे वालों की संख्या सात लाख से अधिक है।
निजी ऑपरेटरों को टैक्स में छूट
परिवहन मंत्री ने साथ ही यह घोषणा भी कर दी थी कि ग्रामीण रूटों पर यदि निजी ऑपरेटर बस सेवा देते हैं, तो उन्हें प्रति माह दिए जाने वाले प्रति सीट और प्रति किलोमीटर पर लग रहे 180 रुपए टैक्स छूट दी जाएगी।
परिवहन मंत्री ने साथ ही यह घोषणा भी कर दी थी कि ग्रामीण रूटों पर यदि निजी ऑपरेटर बस सेवा देते हैं, तो उन्हें प्रति माह दिए जाने वाले प्रति सीट और प्रति किलोमीटर पर लग रहे 180 रुपए टैक्स छूट दी जाएगी।
फिलहाल हमें इस योजना के क्रियान्वयन में आने वाले आर्थिक बोझ को देखते हुए वित्त विभाग से अनुमति नहीं मिली है। अनुमति मिलने के साथ ही योजना को लागू करने की तैयारी शुरू कर दी जाएगी। इसमें वॉरंट के तौर पर फ्री बस पास दिए जाएंगे, जिसमें बस संचालकों को बाद में भुगतान किया जा सकेगा। डॉ. शैलेंद्र श्रीवास्तव, परिवहन आयुक्त