कहावत है माया मिली ना राम….वैसे ही हाल डॉ. आनंद राय के हैं। पांच नंबर विधानसभा से चुनाव लडऩे के लिए उन्होंने सरकारी नौकरी को ठुकरा दिया था। सिविल सर्जन को इस्तीफा सौंप दिया जो अब प्रमुख सचिव की टेबल पर रखा हुआ है। उन्हें विश्वास था कि टिकट तय है, लेकिन आखिरी समय में सिंधिया ने अपने समर्थक सत्यनारायण पटेल को टिकट दिला दिया। राजनीति के खेल में राय खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। पर्दे के पीछे की कहानी ये है कि ड्रग ट्रायल व व्यापम कांड को डॉ. राय ने दमदारी से उठाया था। मुद्दे को हवा देने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने खुलकर पूरी मदद की। सिंह ने उस दौरान डॉ. राय की कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात भी कराई थी। उस समय डॉ. राय ने चुनाव लडऩे की इच्छा जाहिर की थी तब उन्हें आश्वासन दिया गया था कि संगठन पूरी मदद करेगा। उस हिसाब से राय पिछले दो-तीन साल से पांच नंबर में मेहनत कर रहे थे। कल राजनीतिक दांव पेंच में उलझकर वे दौड़ से बाहर हो गए। गौरतलब है कि डॉ. राय का इस्तीफा भी लगभग मंजूर हो गया है।
संघवी के खिलाफ डाली थी पोस्ट डॉ. राय ने टिकट को पक्का मानते हुए अपने अन्य दावेदार पंकज संघवी के खिलाफ सोशल मीडिया पर जमकर जहर उगला। उन्हें भू-माफिया बताते हुए संघवी की राज टॉवर वाला वीडियो डाला था। इस फेर में संघवी से उनकी बुराई हो गई।